राज्य सरकार से चारा अनुदान व सरकारी सहायता प्राप्त करने वाली गोशालाओं में अब कम्प्यूटर व इंटरनेट की सुविधा जरूरी होगी। आगामी दिनों में कम्प्यूटर व इंटरनेट की सुविधा होने पर ही गोशालाओं का पंजीयन हो सकेगा। हाल ही में गोपालन विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। जानकारी के अनुसार गत दिनों जयपुर में गोपालन विभाग की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई थी। बैठक में सुझाव दिया गया कि सभी गोशालाओं में कम्प्यूटर व इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए। ताकि गोशालाओं का रजिस्टे्रशन करने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके बाद सूचना एवं प्रोद्योगिकी के इस दौर में अब गोशालाओ को हाईटेक बनाने का निर्णय किया गया है। अब गोशाला का रजिस्टे्रशन कराने के लिए संचालक को गोशाला में मौजूद पशुओं का कम्प्यूटरीकृत प्रमाण पत्र देना होगा। ये व्यवस्था नहीं होने पर विभाग की ओर से गोशाला का रजिस्टे्रशन नहीं किया जाएगा। रजिस्टे्रशन के अभाव में गोशालाओं को चारा अनुदान व अन्य सरकारी सहायता भी नहीं मिल पाएगी।
उपलब्ध नहीं होती सूचनाएं
गोशालाओं के निरीक्षण के समय देखने में आया है कि अधिकांश गोशालाओं के पास निदेशालय की ओर से जारी निर्देश, परिपत्र व सूचनाएं उपलब्ध नहीं होती है। जिसके अभाव में गोशालाओं के संचालकों को परेशानी होती है। ऐसे में आदेश में स्पष् कहा गया है कि सभी गोशालाओं से निदेशालय का सीधा संवाद स्थापित हो सके। इसके लिए गोशालाओं में कम्प्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था आवश्यक होगी।
उपलब्ध नहीं होती सूचनाएं
गोशालाओं के निरीक्षण के समय देखने में आया है कि अधिकांश गोशालाओं के पास निदेशालय की ओर से जारी निर्देश, परिपत्र व सूचनाएं उपलब्ध नहीं होती है। जिसके अभाव में गोशालाओं के संचालकों को परेशानी होती है। ऐसे में आदेश में स्पष् कहा गया है कि सभी गोशालाओं से निदेशालय का सीधा संवाद स्थापित हो सके। इसके लिए गोशालाओं में कम्प्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था आवश्यक होगी।
आर्थिक भार बढऩे की संभावना
जिले में 173 गोशालाएं संचालित हैं। जिसमें से 130 को ही पात्र मानकर सहायता दी गई है। इनमें अधिकांश गोशालाएं छोटी हैं। जिनमें गोवंश कम है।
छोटी गोशालाओं में कम्प्यूटर व इंटरनेट सुविधा के लिए संचालकों को अलग से कम्प्यूटर ऑपरेटर रखना होगा। जिससे गोशाला पर आर्थिक भार भी बढऩे की संभावना है।
&नए वर्ष से सभी को कम्प्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी। इसे लेकर पांच जनवरी को गोशाला संचालकों की बैठक बुलाई गई है।
डा. जगदीशप्रसाद शर्मा, संयुक्त निदेशक, पशु पालन विभाग, चूरू
जिले में 173 गोशालाएं संचालित हैं। जिसमें से 130 को ही पात्र मानकर सहायता दी गई है। इनमें अधिकांश गोशालाएं छोटी हैं। जिनमें गोवंश कम है।
छोटी गोशालाओं में कम्प्यूटर व इंटरनेट सुविधा के लिए संचालकों को अलग से कम्प्यूटर ऑपरेटर रखना होगा। जिससे गोशाला पर आर्थिक भार भी बढऩे की संभावना है।
&नए वर्ष से सभी को कम्प्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था करनी होगी। इसे लेकर पांच जनवरी को गोशाला संचालकों की बैठक बुलाई गई है।
डा. जगदीशप्रसाद शर्मा, संयुक्त निदेशक, पशु पालन विभाग, चूरू
&हमारी गोशाला में 234 गोवंश है। चूरू जिले में प्रथम ऐसी गोशाला बनी जिसमें कई वर्षों पहले कम्प्यूटर, इंटरनेट व सीसीटीवी कैमरे लगाए।
मूलचंद तिवाड़ी, मंत्री कृष्ण गोसेवा सदन भोजलाई बास, सुजानगढ़
मूलचंद तिवाड़ी, मंत्री कृष्ण गोसेवा सदन भोजलाई बास, सुजानगढ़