जांच अधिकारी उप निरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि परिवादी श्यामसुन्दर बाजोरिया ने मामला दर्ज करवाया था कि उसे अपनी हवेली में डर का वहम हो गया था। इसके लिए वह कई तंत्र विद्या वाले लोगों से मिला। इनमें एक असलम उर्फ पीरजी के कहने पर जमाल से सम्पर्क करके सारा वृतान्त बताया तो वह यहां आ गया।
उसने मेहन्दीपुर बालाजी के पास स्थित हवेली देखी तो बोला कि इसमें तो भूत का खतरनाक प्रभाव है उसे दूर करना पड़ेगा। तब तुम्हें इसमें छिपा खजाना भी हाथ लगेगा जो पूरे नगर के लोगों के पास भी नहीं होगा उतना है। इस पर बाजोरिया ने उसे विश्वास में आकर मांगते ही पेशगी में 5 लाख रुपए उसे देकर शुरुआत की।
धीरे-धीरे उससे पार नहीं पड़ी तो उसने कहा कि पानीपत का एक कलन्दर है, जो ये सब कर देगा। उससे सम्पर्क हुआ तो उसने कहा कि 25 लाख रुपए लगेंगे। उसने उक्त राशि ले ली। इसी हवेली में उसने कलाकारी से कभी भालू, कभी कोई अन्य जानवर होना बताया तथा दिखाया भी और बार-बार रुपयों की ठगी करता रहा। इस प्रकार जमाली व कलन्दर ने डेढ़ साल में 1 करोड़ 25 लाख ठग लिए। दूसरे आरोपित कलन्दर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।