चूरू

कलेक्टर ने सख्त लहजे में डॉक्टरों को लगाई फटकार, पूछा सवाल मरीज क्यों हो रहे हैं रैफर

Rajasthan News : जिले के सबसे बड़े राजकीय डीबी अस्पताल में आने वाले मरीजों को रैफर करने के मामले को कलेक्टर पुष्पा सत्यानी ने गंभीरता से लिया है।

चूरूJan 31, 2024 / 12:48 pm

Omprakash Dhaka

चूरू. जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करती कलेक्टर सत्यानी।

Churu News : कलक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को हुई जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि आखिर क्या वजह है कि पीडीयू मेडिकल कॉलेज से संबंध राजकीय डीबी अस्पताल में डॉक्टरों की फौज होने के बाद भी मामूली सी बीमारी वाले मरीजों को रैफर कर दिया जाता है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा को निर्देश दिए कि पूरे मामले की पड़ताल कर रिपोर्ट बनाकर दें। जिससे पता चल सके कि कहां खामी है जो सरकार के लाखों खर्च करने के बाद भी मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।

 

बैठक में एडीएम उत्तम सिंह शेखावत, सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा, एसीएमएचओ डॉ. एहसान गौरी, जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. वेदप्रकाश, डिप्टी सीएमएचओ डॉ.देवकरण गुरावा, रतनगढ़ पीएमओ डॉ. संतोष आर्य, सुजानगढ़ पीएमओ डॉ. सुरेश कालानी, बीसीएमओ डॉ. मनीष आर्य, डॉ. मनोज झाझडिय़ा, डॉ. चंदन सुण्डा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष खण्डेलवाल, जिला लेखा प्रबंधक सुरेन्द्र बराला व पीसीपीएनडीटी समन्वयक राजकुमार बैरवा आदि मौजूद रहे।

 

बेमेल आंकड़े नहीं चलेंगे
जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पांच साल तक की कन्याओं को आइएफए लाल दवा की खुराक पिलाने के आंकड़ों में गड़बड़झाला दिखा तो कलेक्टर ने कहा कि इस तरह से बेमेल आंकड़ें नहीं चलेंगे। मुझे बैठक में बुलाते हो तो पूरी तैयारी के साथ आया करो। कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव के बकाया चल रहे भुगतान पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पैसा प्रसूताओं को सरकार देती है। ये आपकी जेब से नहीं जा रहा। इसकी पेंडेंसी जल्द खत्म करके रिपोर्ट प्रस्तुत करो।

 

लापरवाह अधिकारियों पर करेंगे कार्रवाई
बैठक में कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि कई बार सुधरने की हिदायत देने के बाद भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर नहीं हैं। ये आखिरी चेतावनी है। इसके बाद सुधार नहीं हुआ तो सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। उन्होंने सीएमएचओ से कहा कि कई एएनएम व जीएनएम की भी शिकायतें मिल रही हैं। काम नहीं करने वाली स्वास्थ्य कार्मिकों की रिपोर्ट बनाकर मुझे भेजें। इस मौके पर कलेक्टर ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बन रहे आयुष्मान कार्ड की आगामी दस दिन में 90 प्रतिशत से अधिक ईकेवाईसी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा टीकाकरण, परिवार कल्याण, मातृ मृत्यु दर व मातृ स्वास्थ्य,संस्थागत प्रसव,राजश्री योजना, एम्बुलेंस सेवाओं, अनिमिया मुक्त टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।


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सोनोग्राफी सेंटरों की जांच क्यों नहीं
कलेक्टर ने कहा कि एक पखवाड़े से भी अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक जिले में चल रहे 49 सोनोग्राफी सेंटरों की महकमे के अधिकारी जांच कर उनकी मांगी गई रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत कर पाए। जबकि ये कोई मुश्किल काम नहीं है। आपकी लापरवाही की वजह से ना जाने जिले की कितनी महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। बता दें कि सरदारशहर में फर्जी सोनोग्राफी सेंटर का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने सीएमएचओ समेत एसडीएम व तहसीलदारों को आदेश दिए थे कि जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों की जांच कर ये सुनिश्चित किया जाए कि जिनके नाम से लाइसेंस बना है वही व्यक्ति सोनोग्राफी कर रहा है या नहीं।

 

संक्रमित कचरा बड़ी खामी
कलेक्टर पुष्पा सत्यानी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों, एसडीएम व तहसीलदार को अस्पतालों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा संस्थान पर सुबह नौ बजे से पहले सफाई करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट के एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक निस्तारण की बात कही। उऩ्होंने कहा कि ये एक गंभीर मामला है। इसे जिम्मेदार गंभीरता से लेें। बायो मेडिकल वेस्ट खुले में डालने से अस्पताल में आने वाले लोगों में संक्रमण फैल सकता है।

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