इससे बाइक चालक की जान पर आ बनी। लीलकी के गांव का बंटी नामक युवक चाइनीज मांझे की चपेट में ऐसा आया कि गले का हिस्सा इस मांझे से कट गया। लोगों ने इसे तत्काल संभाला और हॉस्पिटल पहुंचाया। अस्पताल में डॉ. अल्केश कुमार ने चाइनीज मांझे से घायल युवक का तत्काल उपचार किया और टांके लगाकर जिंदगी बचाई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी एक मासूम बालक का गाल इस चीनी मांझे के कारण कट गया था। लेकिन घायल पशु पक्षियों की कोई सुध नहीं ले रहा है और न ही प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले के साथ शहर में जान लेवा चाइनीज धागे की बिक्री हो रही है।
गर्दन पर लगे 16 टांके
चाइनीज मांझा इतना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा इस घटना से लगया जा सकता है जहां एक युवक की जान जाते बाल-बाल बच गई। अगर धागा गर्दन में गहरा जाता तो जान भी जा सकती थी। इस तरह की घटनाएं चाइनीज मांझे के खतरों को उजागर करती हैं। लेकिन, सावधानी भी काम नहीं आ सकती क्योंकि मोटरसाइकिल में सवार युवक को धागा नजर ही नहीं आता। जरूरत है चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाना। तभी दुर्घटनाएं नियंत्रण होगी तथा पशु पक्षियों की भी जान बच सकेगी।हाईकोर्ट का आदेश
उच्च न्यायालय के पूर्व आदेशानुसार प्रात: 6 से 8 बजे और सायं 5 से 7 बजे तक सभी प्रकार की पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध है। साथ ही प्लास्टिक और अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे के निर्माण, विपणन और उपयोग पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है। आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन धागे की बिक्री करने वाले लोगों को आदेशों की भी परवाह नहीं है। यह भी पढ़ें
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बिना रोक-टोक बिक रहा है मांझा
मकर संक्रांति पर्व अंतर्गत शहर में बिना किसी रोक टोक के चाइनीज मांझे की बिक्री हो रही है, न प्रशासन कार्रवाई कर रहा है और न ही नगर पालिका की ओर से जांच हो रही है। मकर संक्रांति और अन्य अवसरों पर चीनी मांझा, प्लास्टिक मांझा, अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे और खतरनाक सामग्री जैसे लोहा, कांच आदि के मिश्रण से बने मांझे के उपयोग, भंडारण, निर्माण और विपणन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई नहीं हो रही है। चीनी मांझा अत्यधिक धारदार और विद्युत का सुचालक होता है, जिससे पक्षियों और इंसानों को गंभीर चोटें लगने का खतरा होता है। यह दोपहिया वाहन चालकों, राहगीरों और पतंग उड़ाने वालों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा, विद्युत तारों के संपर्क में आने पर यह विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है और पतंग उड़ाने वालों को भी गंभीर चोट पहुंचा सकता है।