24 वें राज्य स्तरीय भामाशाह एवं प्रेरक सम्मान समारोह में प्रवासी एवं दानदाता भोमराज सरावगी को बिड़ला ऑडिटोरियम जयपुर में आयोजित शिक्षा-भूषण सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देववानी, प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवाल, आयुक्त माध्यमिक परिषद् जोगाराम ने सरावगी को सम्मानित किया। राजकीय मोहता बालिका उमावि की प्राचार्या डा.सुमन जाखड़ ने बताया कि बालिका शिक्षा के संरक्षक एवं भामाशाह सरावगी ने विद्यालय में जनसहभागिता योजना के तहत 53 लाख रुपए की लागत से आठ कक्षा-कक्षों का निर्माण करवाया है। कार्यक्रम में संस्था प्रधान नवीन सरावगी, रामावतार बैरासरिया व रमेश अत्री उपस्थित थे।
इस अवसर पर सरावगी ने विद्यालय में बीस किलोवॉट क्षमता का सोलर प्लांट प्रदान करने की भी घोषणा एवं इसी वर्ष सत्र पर्यन्त शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग की स्वीकृति प्रदान की।
इस अवसर पर सरावगी ने विद्यालय में बीस किलोवॉट क्षमता का सोलर प्लांट प्रदान करने की भी घोषणा एवं इसी वर्ष सत्र पर्यन्त शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग की स्वीकृति प्रदान की।
रतनगढ़ के जोधरोज को तीसरी बार भामाशाह पुरस्कार
रतनगढ़. शिक्षा विभाग की ओर से हुए राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में रतनगढ़ के समाजसेवी जोधराज बैद तीसरी बार भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। जयपुर के बिड़ला सभागार में हुए समारोह में जोधराज बैद की ओर से उनके बेटे हेमंत बैद ने राउमावि लोहा के प्रधानाचार्य कुलदीप व्यास के साथ यह सम्मान ग्रहण किया। राजकीय विद्यालयों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर विद्यालय विकास में सहभागी बने बैद दानदाता के रूप में पहले दो बार यह सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। समारोह के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, समारोह अध्यक्ष शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी व विशिष्ट शासन सचिव नरेशपाल गंगवार आदि ने भामाशाहों का शॉल व प्रशस्ति पत्र भेंट कर अभिनंदन किया। समारोह में माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डीडेल, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्याम सिंह राजपुरोहित सहित विभाग के अन्य अधिकारी मंचस्थ थे।
450 प्रतिभाओं का सम्मान किया सालासर. गांव मलसीसर के आईबीएस सीसै स्कूल में गुरुवार को प्रतिभा सम्मान समारोह हुआ। संस्था निदेशक रूपाराम धेतरवाल व श्रवण धेतरवाल ने बताया कि सत्र 2010 से 2018 तक की 450 प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इसमें सरपंच सांवरमल राजपुरोहित, मनोज पुजारी, सांवरमल, गणेश खिलेरी, गाड़ौदा धाम के मंहत महावीर जति, चन्द्रप्रकाश शर्मा, बाबूसिंह, मोहनलाल, मनसुख प्रजापत, रामचन्द्र दहिया, पूर्णमल बिरड़ा, सम्पतसिंह राजपुरोहित अतिथि थे। प्रधानाचार्य रतनलाल शास्त्री, जगदीश प्रसाद भामू, संरक्षक छोटूराम गुलेरिया, जगदीश सेवदा, बलबीरसिंह बिजारणियां, महावीर प्रसाद सेवदा मौजूद थे।