संत सौरभ नाथ के सान्निध्य में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि अहिंसा का उपासक हिन्दू समाज का बांग्लादेश के विकास में न केवल बड़ा योगदान रहा है, बल्कि वह सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलजुलकर रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी बांग्लादेश में हुई घटनाओं ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है। वहां मानवीय मूल्य तार तार हो रहे हैं और वहां के अल्पसंख्यक समाज को अमानवीय पीड़ा का शिकार होना पड़ रहा हैं।
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सर्वसमाज के लोगों ने दिया धरना
इसी क्रम में सर्व समाज के लोगों की ओर से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम दिए ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि हिन्दू समाज की बांग्लादेश में न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार खतरे में हैं, बल्कि वहां एक गहरी मानवीय त्रासदी बन गई है। ज्ञापन के माध्यम से मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर हो रहे हमलों, हिंसा, धमकी जैसी बढ़ती घटनाओं से भौतिक और मानसिक उत्पीड़न, प्रशासनिक और न्यायिक उपेक्षा और इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाकर बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक चर्चा कर हिन्दू समुदाय की सुरक्षा करने की मांग की है।