scriptचूरू में 15 साल बाद मर्डर इन कोर्ट का पार्ट-2, याद आया सुमेर फगेड़िया व वीरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड | Ajay Jaitpura : Murder in court repeat in sadulpur court after 15 year | Patrika News
चूरू

चूरू में 15 साल बाद मर्डर इन कोर्ट का पार्ट-2, याद आया सुमेर फगेड़िया व वीरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड

अजय जैतपुरा के मर्डर ने एक बार फिर से सादुलपुर (चूरू) के लोगों के जेहन में सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड की यादें ताजा कर दी।

चूरूJan 17, 2018 / 07:41 pm

vishwanath saini

ajay jaitpura murder
सीकर/सादुलपुर.

अपराध भी इतिहास दोहराता है। नहीं यकीन हो रहा तो राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर कस्बे में बुधवार को हुए मर्डर को ही देख लो। बदमाशों ने दिनदहाड़े कोर्ट में घुसकर पेशी पर आए अजय जैतपुरा का गोली मारकर मर्डर कर दिया। ठीक इसी तरह की घटना सादुलपुर में 15 साल पहले हुई थी। अजय जैतपुरा के मर्डर ने एक बार फिर से सादुलपुर (चूरू) के लोगों के जेहन में सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड की यादें ताजा कर दी।
Firing in ADJ Court Sadulpur Churu : हिस्ट्रीशीटर अजय जैतपुरा को लगी तीन गोली, हवा में पिस्टल लहराते हुए भागे बदमाश


25 सितम्बर 2002 : सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड

वर्ष 2002 की 25 सितम्बर सादुलपुर कभी नहीं भूल पाएगा। इस दिन गांव लम्बोर निवासी सुमेर फगेडिय़ा पर सादुलपुर न्यायालय परिसर में अंधाधुंध फायरिंग करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बदमाश उसका शव उठाकर ले गए, जो कभी बरामद ही नहीं हो सका। सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड में वीरेन्द्र न्यांगली को मुख्य आरोपी बनाया गया था। सुमेर फगेडिय़ा व अजय जैतपुरा के मर्डर का मर्डर इन कोर्ट कहा जाए तो फर्क सिर्फ इतना है कि सुमेर की हत्या कोर्ट परिसर में हुई जबकि अजय को चैम्बर में घुसकर मारा गया है।
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यहां देखें अजय जैतपुरा पर फायरिंग की अधिक तस्वीरें

06 फरवरी 2009 : वीरेन्द्र न्यांगली हत्याकांड

अजय जैतपुरा के मर्डर ने सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड याद दिला दिया और सुमेर फगेडिय़ा का जिक्र होता है तो बसपा नेता की वीरेन्द्र न्यांगली की भी चर्चा होती है। सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड के बदले ही वीरेन्द्र न्यांगली की गोली मारकर हत्या की गई थी। 6 फरवरी 2009 को गांव न्यांगली निवासी विजेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दी थी कि उसका चचेरा भाई वीरेंद्र सिंह न्यांगली (35) पुत्र सवाईसिंह न्यांगली शाम साढ़े चार बजे शीतला चौक पर गया था। इस दौरान बाइक पर सवार होकर आए बदमाशों ने गोली मारकर वीरेन्द्र न्यांगली की हत्या कर दी।
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17 जनवरी 2018 : अजय जैतपुरा हत्याकांड

हत्या, हत्या के प्रयास, शराब तस्करी व लूट सहित करीब 42 मामलों के आरोपित व हार्डकोर अपराधी अजय कुमार जैतपुरा (33) की बुधवार दोपहर मिनी सचिवालय स्थित मुंसिफ मजिस्ट्रेट न्यायालय में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने इसकी अधिकारिक पुष्टि कर दी है। गोली लगने से जैतपुर के अधिवक्ता व उसका एक साथी भी गंभीर घायल हो गया।
पेशी पर आया था अजय

हमीरवास थाना के गांव जैतपुरा निवासी अजय कुमार जैतपुरा बुधवार दोपहर अपने साथी थिरपाली निवासी संदीप गुर्जर के साथ पेशी पर एडीजे कोर्ट में आया हुआ था। वहीं पेशी भुगता कर मुंसिफ कोर्ट की ओर गया था, इसी दौरान अज्ञात आरोपितों ने अजय कुमार व संदीप गुर्जर पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। घटना के समय पास में एडवोकेट रतनलाल प्रजापत को भी गोली लगी।
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घटना के करीब दस मिनट बाद तक किसी ने घायलों को नहीं संभाला। बाद में तीनों को निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार कर तीनों को हिसार रैफर कर दिया है। बताया जाता है कि अजय कुमार जैतपुरा को तीन गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं साथी संदीप गुर्जर की हालत गंभीर है।
एक दर्जन से अधिक कारतूस के खोखे बरामद

सूत्रों के मुताबिक घटना का मौका निरीक्षण करते समय पुलिस ने करीब एक दर्ज से अधिक कारतूस के खोखे बरामद किए हैं। गौरतलब है कि न्यायालय परिसर में हथियार सहित चालानी गार्ड भी मौजूद थे। मगर हमलावरों को रोकने या पीछा करने का किसी ने प्रयास नहीं किया। गोलियां चलती देख न्यायालय परिसर में आए लोगों में भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों की संख्या करीब छह से सात के बीच है। जिनमें से तीन युवकों ने न्यायालय में घुसकर घटना को अंजाम दिया। जबकि दो बाहर खड़े रहे।
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हाथों में हथियार लेकर हवा में गोली चलाते हुए फरार
फायरिंग करने वाले अधिकांश आरोपित करीब 20 से 25 वर्ष के बीच के हंै। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित दोनों हाथों में हथियार लेकर हवा में गोलियां चलाते एसडीएम निवास के आगे से होते हुए सैनिक कॉलोनी तक गोलियां चलाते हुए फरार हो गए। सैनिक कॉलोनी में पहले से खड़ी जीप में बैठकर फरार हो गए।
12 दिन पहले जमानत पर बाहर आया था
अजय कुमार जैतपुरा को विभिन्न मामलों में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस पर हमला करने व मारपीट के आरोप में न्यायालय ने सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। गत पांच जनवरी को ही जोधपुर उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर बाहर आया था। गौरतलब है कि मुंंसिफ मजिस्ट्रेट का पद रिक्त होने के बाद न्यायालय में अधिवक्ता व पक्षकार कम थे। अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी।

कोर्ट परिसर खाली करवाया
घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौका निरीक्षण किया। उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से न्यायालय परिसर को खाली करवाकर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। सूचना पर पहुंचे एसपी राहुल बारहट ने भी घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया।
वकीलों ने जताया रोष
घटना के बाद वकीलों ने रोष जताते हुए एसपी से मिलकर न्यायालय परिसर में पर्याप्त पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस चौकी भी स्थापित करने की मांग की है। एडवोकेट प्रीतम शर्मा व राकेश पूनिया ने बताया कि नवंबर माह में भी पुलिस चौकी की स्थापना की मांग की गई थी। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
घटना के बाद पुलिस न्यायालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। थानाधिकारी भगवानसहाय मीणा ने हिसार पहुंचकर घायल के पर्चा बयान भी लिए हैं। वहीं पुलिस ने घटना के बाद नाकाबंदी कर संदिग्ध वाहनों की जांच करने के साथ-साथ हरियाणा सीमा पर गश्त को बढ़ाने की कार्रवाई की है। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के सहयोग से हमलावरों को गिरफ्तार करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
2007 में खुली थी हिस्ट्रीशीट
अजय जैतपुरा पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, लूट, मारपीट व आम्र्स एक्ट सहित अनेक धाराओं में करीब 42 मामले दर्ज थे। जिसकी 30 अक्टूबर 2007 में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। वहीं हमीरवास थाने का हिस्ट्रीशीटर व उसी पुलिस थाने का हार्डकोर अपराधी है।
2015 में आईजी ने रखा था ईनाम
अजय जैतपुरा पर सादुलपुर में शराब तस्करी व हत्या के प्रयास में काफी दिनों तक फरार रहा था। इसके चलते 23 अक्टूबर 2015 को बीकानेर संभाग के आईजी ने अजय जैतपुरा पर दस हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की थी।
वर्ष 2016 में जयपुर से गिरफ्तार किया गया था
दस हजार रुपए के ईनामी बदमाश अजय जैतपुरा को 12 फरवरी 2016 को जयपुर के जवाहर सर्किल से सादुलपुर थानाधिकारी अनिल विश्नोई व एसआई पुष्पेंद्र झाझडिय़ा की टीम ने गिरफ्तार किया था।

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