25 सितम्बर 2002 : सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड वर्ष 2002 की 25 सितम्बर सादुलपुर कभी नहीं भूल पाएगा। इस दिन गांव लम्बोर निवासी सुमेर फगेडिय़ा पर सादुलपुर न्यायालय परिसर में अंधाधुंध फायरिंग करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बदमाश उसका शव उठाकर ले गए, जो कभी बरामद ही नहीं हो सका। सुमेर फगेडिय़ा हत्याकांड में वीरेन्द्र न्यांगली को मुख्य आरोपी बनाया गया था। सुमेर फगेडिय़ा व अजय जैतपुरा के मर्डर का मर्डर इन कोर्ट कहा जाए तो फर्क सिर्फ इतना है कि सुमेर की हत्या कोर्ट परिसर में हुई जबकि अजय को चैम्बर में घुसकर मारा गया है।
फायरिंग करने वाले अधिकांश आरोपित करीब 20 से 25 वर्ष के बीच के हंै। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित दोनों हाथों में हथियार लेकर हवा में गोलियां चलाते एसडीएम निवास के आगे से होते हुए सैनिक कॉलोनी तक गोलियां चलाते हुए फरार हो गए। सैनिक कॉलोनी में पहले से खड़ी जीप में बैठकर फरार हो गए।
अजय कुमार जैतपुरा को विभिन्न मामलों में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस पर हमला करने व मारपीट के आरोप में न्यायालय ने सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। गत पांच जनवरी को ही जोधपुर उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर बाहर आया था। गौरतलब है कि मुंंसिफ मजिस्ट्रेट का पद रिक्त होने के बाद न्यायालय में अधिवक्ता व पक्षकार कम थे। अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी।
कोर्ट परिसर खाली करवाया
घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौका निरीक्षण किया। उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से न्यायालय परिसर को खाली करवाकर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। सूचना पर पहुंचे एसपी राहुल बारहट ने भी घटना स्थल का मौका निरीक्षण किया।
घटना के बाद वकीलों ने रोष जताते हुए एसपी से मिलकर न्यायालय परिसर में पर्याप्त पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस चौकी भी स्थापित करने की मांग की है। एडवोकेट प्रीतम शर्मा व राकेश पूनिया ने बताया कि नवंबर माह में भी पुलिस चौकी की स्थापना की मांग की गई थी। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
घटना के बाद पुलिस न्यायालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। थानाधिकारी भगवानसहाय मीणा ने हिसार पहुंचकर घायल के पर्चा बयान भी लिए हैं। वहीं पुलिस ने घटना के बाद नाकाबंदी कर संदिग्ध वाहनों की जांच करने के साथ-साथ हरियाणा सीमा पर गश्त को बढ़ाने की कार्रवाई की है। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के सहयोग से हमलावरों को गिरफ्तार करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
अजय जैतपुरा पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, लूट, मारपीट व आम्र्स एक्ट सहित अनेक धाराओं में करीब 42 मामले दर्ज थे। जिसकी 30 अक्टूबर 2007 में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। वहीं हमीरवास थाने का हिस्ट्रीशीटर व उसी पुलिस थाने का हार्डकोर अपराधी है।
अजय जैतपुरा पर सादुलपुर में शराब तस्करी व हत्या के प्रयास में काफी दिनों तक फरार रहा था। इसके चलते 23 अक्टूबर 2015 को बीकानेर संभाग के आईजी ने अजय जैतपुरा पर दस हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की थी।
दस हजार रुपए के ईनामी बदमाश अजय जैतपुरा को 12 फरवरी 2016 को जयपुर के जवाहर सर्किल से सादुलपुर थानाधिकारी अनिल विश्नोई व एसआई पुष्पेंद्र झाझडिय़ा की टीम ने गिरफ्तार किया था।