चूरू

लॉ कॉलेज के 40 विद्यार्थी लोगों को दे रहे न्याय

चूरू राजकीय विधि महाविद्यालय का नाम तो आपने सुना ही होगा। यदि नहीं सुना है तो इसके बारे में जान लेना भी बेहद जरूरी है। ये ऐसा कॉलेज है। जहां से निकले विद्यार्थी प्रदेश के कौने-कौने में जरूरतमंदों, शोषित, पीडि़तों को न्याय देने का काम कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं इस कॉलेज से पढ़कर निकले उन 40 विद्यार्थियों की जो न्यायिक सेवा में काम कर अपनी धाक जमाए हुए हैं।

चूरूJun 15, 2023 / 10:17 am

Madhusudan Sharma

लॉ कॉलेज के 40 विद्यार्थी लोगों को दे रहे न्याय

मधुसूदन शर्मा
चूरू. चूरू राजकीय विधि महाविद्यालय का नाम तो आपने सुना ही होगा। यदि नहीं सुना है तो इसके बारे में जान लेना भी बेहद जरूरी है। ये ऐसा कॉलेज है। जहां से निकले विद्यार्थी प्रदेश के कौने-कौने में जरूरतमंदों, शोषित, पीडि़तों को न्याय देने का काम कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं इस कॉलेज से पढ़कर निकले उन 40 विद्यार्थियों की जो न्यायिक सेवा में काम कर अपनी धाक जमाए हुए हैं। इस कॉलेज में इन होनहारों की नींव को तैयार किया गया। विद्यार्थियों ने मेहनत कर न्यायिक सेवा में अपना मुकाम हासिल कर लिया है। ऐसे में ये कॉलेज प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इस कॉलेज में पढ़ाई के लिए यहां आस-पास के जिलों के अलावा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से भी छात्र और छात्राएं अध्ययन करने के लिए आते हैं। गौरव की बात ये है कि इस महाविद्यालय के छात्र बृजेन्द्र जैन मुख्य न्यायाधीश के विशेषाधिकारी के पद को सुशोभित कर रहे हैं। वहीं मनीष अग्रवाल हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हैं। यही नहीं इसके अलावा यहां से पढ़कर जाने वाले 52 छात्र तो सहायक अभियोजन अधिकारी हैं और 50 के करीब कनिष्ठ विधि अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

यहां अलग अंदाज में होती है पढ़ाई
चूरू के इस विधि महाविद्यालय में विद्यार्थियों को अलग तरह से अध्ययन कराया जाता है। यहां कॉलेज का जिम्मा संभाल रहे प्रचार्य स्वयं क्लास लेने से नहीं चूकते। सबसे खास बात ये है कि यहां पर नियमित कक्षाएं संचालित होती है। ऐसे में विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने का काम यहां काम करने वाले शिक्षकों की ओर से किया जाता है। इसके अलावा वकालत के अध्ययन के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. इसके साथ ही गुरु, शिष्य संबंधों और सांस्कारिक शिक्षा पर भी विशेष फोकस रहा है। खास बात ये है कि इस कॉलेज में छात्र और छात्रों के अभिभावकों से बैठक कर उनकी शंकाओ का समाधान करने का प्रयास भी स्थानीय कॉलेज प्रशासन के स्तर पर ही किया जाता है।

मैरिट के आधार पर होता एडमिशन
प्राचार्य खुद एक-एक छात्र को उनके नाम से जानते है, इसके अलावा प्रतिभाशाली छात्रों पर अलग से ध्यान दिया जाता है और छात्र-छात्राओं को गर्मी की छुट्टी में भी अतिरिक्त क्लास लगाकर पढ़ाया जाता है। प्राचार्य डॉक्टर श्रवण कुमार सैनी ने बताया कि विधि महाविद्यालय में प्रवेश राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार पूरी तरह मैरिट के आधार पर होता है। शुरुआत में जहां 60 सीटें थी। वहीं वर्तमान में यहां एलएलएम प्रथम वर्ष में 120 सीटें हैं। एलएलएम में शुरुआत यहां पर 40 सीटों के साथ 2007 में हुई थी।

ये दे रहे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में न्यायिक सेवाएं
बृजेन्द्र जैन, इश्वरलाल वर्मा, रेखा राठौड़, तसलीम खान, मनोज सोनी, वंदना राठौड़, रमेश जोशी, रेणुका दैया, सरिता नौशाद,नीलम सिहाग, सीमा ढाका, मनीषा अग्रवाल, मनीष्ज्ञा शर्मा, शालीनी शर्मा, कमल किशोर सोनी, रविकांत सोनी, नारायण प्रजापत, दीप्ति स्वामी, रंजना सिहाग, ज्ञानेन्द्र राठौड़, स्वाती पारीक, दिलीप सैनी, बबीता सैनी, सीएस पारीक, नीतू रानी, रेणुका शर्मा, एसची गहनोलिया, वंदना शर्मा, माधव गोस्वामी, उषा प्रजापत, नीधि तूनवाल, सुनिता यादव, सना खान, महेन्द्र मीना, अविनाश चांगल, जया सैनी, नेहा कुमावत, रेखा राठौड़, अलका राठौड़, सुरभि सिंह।

यहां से पढ़े छात्र कई उच्च पदों पर कार्यरत
राजकीय विधि महाविद्यालय से पढ़े बृजेन्द्र कुमार जैन पहले न्यायाधीश हैं. जो वर्तमान में राजस्थान उच्च न्यालय में मुख्य न्यायाधीश के विशेषाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. प्राचार्य डॉक्टर श्रवण कुमार सैनी ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न अदालतों में 40न्यायिक अधिकारियों के अतिरिक्त करीब 50 सहायक अभियोजन अधिकारी और विधि अधिकारी, जूनियर लीगल ऑफिसर हैं। इसके अतिरिक्त बैंकों में विधि अधिकारी, मल्टीनेशनल कंपनी में लॉ मैनेजर के अलावा यहां के छात्र विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में वकालत का कार्य कर नाम रोशन कर रहे हैं।

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