बारिश की जब लगी झड़ी तो गंभीरी नदी में क्यों बढ़ गया पानी
दो दिनों से जिले भर में बारिश ने तर कर दिया। पूरे जिले पर मानसून मेहरबान रहा। इससे सर्वत्र बारिश हुई। चित्तौड़ शहर में दिन भर सावन की तरह बारिश की झड़ी लगी रही
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बारिश की जब लगी झड़ी तो गंभीरी नदी में क्यों बढ़ गया पानी
चित्तौडग़ढ़. दो दिनों से जिले भर में बारिश ने तर कर दिया। पूरे जिले पर मानसून मेहरबान रहा। इससे सर्वत्र बारिश हुई। चित्तौड़ शहर में दिन भर सावन की तरह बारिश की झड़ी लगी रही। दूसरे दिन भी देर रात तक बारिश का दौर चलते रहने से रात करीब १० बजे जिले के सबसे बडे गंभीरी बांध के पांच गेट खोल दिए। इससे गंभीरी नदी में पानी की आवक तेज हो गई है एवं रात में जलस्तर अधिक बढऩे की संभावना है। गेट खोले जाने के बाद नदी के पास किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्ष २०१६ में भी गंभीरी नदी उफान पर आने से पानी चित्तौड़ शहर में प्रवेश कर गया था।चित्तौड़ शहर में दो दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है। शनिवार रात कुछ समय बारिश थमने के बाद रविवार तड़के से रिमझिम बारिश का दौर शुरू हुआ जो दिन भर जारी रहा। लगातार बारिश से कई लोग घरों में रहने को विवश हो गए। वहीं अनन्त चतुदर्शी पर दिन भर शहर भर से निकली एकल झांकियों में लोग, महिलाएं, बच्चे भिगते हुए नाचते, गाते प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी पर पहुंचे। कई प्रतिमाएं भी गिली हो गई। नदी का जलस्तर शाम तक काफी बढ़ा।
जल संसाधन विभाग के अनुसार रविवार शाम पांच बजे तक बीते २४ घंटों में चित्तौडग़ढ़ में ९९, बड़ीसादड़ी में ९०, गंभीरी बांध पर ५७, भदेसर में ४४, बस्सी बांध व भैंसरोडगढ़ में ४३-४३, ओराई बांध पर ४०, भूपालसागर तालाब पर ३८, वागन बांध पर ३७, कपासन में ३१, डूंगला में २८, निम्बाहेड़ा में २७, सांवलिया बांध व गंगरार में २५-२५, संदेसर में २२, राशमी में २०, बडग़ांव बांध पर १६, मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
लौटते मानसून ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी
जिले में विदा हो रहे मानसून से पहले बारिश की झड़ी ने किसानों के अरमानोंपर पानी फेर दिया है। जिले में दो दिन से चल रही बारिश से खेतों में काटकर रखी फसल खराब हो गई है। बारिश के साथ तेज हवा भी चलने से मक्का व ज्वार की फसलें आड़ी पड़ गई है। बारिश के कारण खेत जलमग्न हो गए है। इन खेतों में अभी फसल कटाई का कार्यचल रहा है। कई किसानों ने फसलों की कटाई कर सूखने का रख रखी है, ऐसी फसलों के भिगने से खराब होने की आशंका भी बढ़ गई है। पहले बारिश नहीं होने से किसान अपनी फसल सूखने को लेकर परेशान थे, वहीं अब फसल पककर तैयार होने के बाद फसलें कटने का दौर शुरु हो गया है। ऐसे में एक बार फिर से शुरु बारिश से फसलों के खराब होने की चिंता से किसानों के चेहरें पर निराश देखने मिल रही है। एक बार फिर से बारिश का दौर शुरु होने से जिले में सोयाबीन, उड़द मक्का में सर्वाधिक नुकसान होगा। कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. शंकरलाल जाट ने बताया कि जिले में सोयाबीन व उड़द की फसलों की कटाई शुरु होने से कटी हुई फसल इस बारिश से खराब हो गई है। वहीं कई क्षेत्र में तेज हवा भी चलने से मक्का व धान की फसल आडी पड़ गई। जिनकों भी लगातार बारिश होने से नुकसान हो सकता है।
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