चित्तौैडग़ढ़. पर्यटन विकास के दावे तो खूब किए जाते है लेकिन सरकारी महकमे इसके लिए कितने गंभीर है इस तथ्य को इससे भांपा जा सकता है कि चित्तौडग़ढ़ शहर के मध्य से गुजर रही गंभीरी नदी पर साबरमती नदी की तर्ज पर रिवर फ्रन्ट बनाने का प्रस्ताव करीब डेढ़ वर्ष बाद भी फाइलों में ही घूम रहा है। राज्य की पिछली सरकार के समय इसको साबरमती की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव तैयार हो गया। नगरीय विकास विभाग की जनसहभागिता योजना के तहत कार्य होना था। इसमें कार्य लागत की आधी राशि जनसहभागिता से जुटाने पर आधी राशि राज्य सरकार देने वाली थी। दावे किए गए कि दो चरण में ये कार्य पूरा होते ही चित्तौड़ दुर्ग के बाद गंभीरी नदी रिवर फ्रन्ट भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केन्द्र्र बन जाएगा। घोषणा के बाद करीब एक वर्ष तक तो कोई ठोस प्रस्ताव ही तैयार नहीं हुआ और कागजों में ही रिवर फ्रन्ट की चर्चा होती रही। कुछ समय पहले ही नगर परिषद ने इस बारे में १३ करोड़ की लागत के कार्यो का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाया। प्रस्ताव पर अमल होता उससे पहले ही जिला पर्यटन समिति की ३ जुलाई को हुई बैठक में कलक्टर ने प्रस्ताव में प्राथमिकता वाले कामों को शामिल कर नवीन प्रस्ताव बना दुबारा भिजवाने के निर्देश दिए। कागजों से बाहर निकल कर रिवर फ्रन्ट कब तक मूर्त रूप में आएगा ये बताने की स्थिति में कोई नहीं है।
नगर परिषद ने क्या किया प्रस्ताव
पर्यटन समिति की बैठक में शहर की गंभीरी नदी को साबरमती की तर्र्ज पर रिवरफ्रन्ट व्यू निर्माण पर चर्चा हुई। उस दौरान आयुक्त नारायणलाल मीणा ने बताया कि पुलिया से संगम महादेव मन्दिर तथा नई पुलिया तक नदी के दोनों तरफ पाथ वे के निर्माण, बैंच लगाने, लैंप पोस्ट लगाने तथा नदी के सौन्दर्यकरण सम्बन्धी कार्य के लिए लिए राज्य सरकार को 13 करोड़ की लागत का प्रस्ताव भिजवाया है। अब कलक्टर के निर्देश पर नए सिरे से प्रस्ताव बना सरकार को भेजा जा रहा है।
नगर परिषद ने क्या किया प्रस्ताव
पर्यटन समिति की बैठक में शहर की गंभीरी नदी को साबरमती की तर्र्ज पर रिवरफ्रन्ट व्यू निर्माण पर चर्चा हुई। उस दौरान आयुक्त नारायणलाल मीणा ने बताया कि पुलिया से संगम महादेव मन्दिर तथा नई पुलिया तक नदी के दोनों तरफ पाथ वे के निर्माण, बैंच लगाने, लैंप पोस्ट लगाने तथा नदी के सौन्दर्यकरण सम्बन्धी कार्य के लिए लिए राज्य सरकार को 13 करोड़ की लागत का प्रस्ताव भिजवाया है। अब कलक्टर के निर्देश पर नए सिरे से प्रस्ताव बना सरकार को भेजा जा रहा है।
दो चरणो में होना है रिवर फ्रन्ट का कार्य
राज्य सरकार की योजना के तहत साबरमती रिवर फ्रन्ट की तर्ज पर गंभीरी रिवर फ्रन्ट कार्य होगा। ये कार्य दो चरणो में होना है पहला चरण करीब १० करोड़ एवं दूसरे चरण में २० करोड़ रुपए तक के कार्य होने है। पहले चरण में नदी की एक दिशा व दूसरे चरण में दूसरे छोर की तरफ पर्यटन विकास के लिए कार्य होने है।
राज्य सरकार की योजना के तहत साबरमती रिवर फ्रन्ट की तर्ज पर गंभीरी रिवर फ्रन्ट कार्य होगा। ये कार्य दो चरणो में होना है पहला चरण करीब १० करोड़ एवं दूसरे चरण में २० करोड़ रुपए तक के कार्य होने है। पहले चरण में नदी की एक दिशा व दूसरे चरण में दूसरे छोर की तरफ पर्यटन विकास के लिए कार्य होने है।
मैने कहा प्रस्ताव भेजते ही मंजूरी दिला दूंगा
मैं स्वयं चाहता था कि मेरे कार्यकाल में गंभीरी नदी रिवर फ्रन्ट का कार्य शुरू हो जाए। जनसहभागिता के तहत ये कार्य होना था। इसके लिए पचास प्रतिशत राशि जनसहभागिता से जुटानी थी। मैने कहा था कि किसी बड़े औद्योगिक संगठन की सहायता लेकर प्रस्ताव भिजवा दूं। प्रस्ताव आते ही आधी राशि मैं मंजूर करवा दूंगा। ऐसा कोई प्रस्ताव आया नहीं और कुछ माह चुनाव आचार संहिता लग गई।
श्रीचंद कृपलानी, पूर्व नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री