जननी और जनक जीवन में दूसरी बार नहीं मिलते। इनका आशीर्वाद जीवन की डूबती नैय्या को भी पार लगा देता है। कलियुग में इनकी बेकद्री का आलम क्या है, किसी से छिपा हुआ नहीं है। बेटे द्वारा मां को घर से निकाल देने का ऐसा ही एक मामला कपासन में सखी समूह की बैठक में सामने आया तो सीआई ने अपना धर्म निभाते हुए उसी के मकान में एक कमरा दिलवा दिया। खुशी से छलकती बूढी आंखों ने दुआ दी तो हर किसी की आंखें नम हुए बिना नहीं रह सकी।
चित्तौड़गढ़•Aug 04, 2021 / 03:11 pm•
jitender saran
बेटे ने बिसराया तो सीआई ने निभाया अपना धर्म
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