बता दें कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के उत्तराधिकारी के तौर पर पगड़ी दस्तूर किया गया। विश्वराज वर्तमान में नाथद्वारा से विधायक भी हैं। फतेह प्रकाश महल में राजतिलक कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू हुआ, जो करीब 3 घंटे तक चला।
विश्वराज सिंह मेवाड़ के स्वागत में पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए। विभिन्न राजघरानों से आए लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी। पगड़ी दस्तूर के बाद उदयपुर लौटकर सिटी पैलेस स्थित धूणी स्थल और इसके बाद कैलाशपुरी स्थित एकलिंगनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाना प्रस्तावित है।
1531 के बाद पहली बार चित्तौडगढ़ दुर्ग में तिलक कार्यक्रम
गौरतब है कि चित्तौडगढ़ दुर्ग पर आखिरी बार 1531 में महाराणा सांगा के बेटे तत्कालीन महाराणा विक्रमादित्य का तिलक हुआ था। उनका तिलक चित्तौडगढ़ में आखिरी तिलक माना जाता है। सन 1559 में उदयपुर की स्थापना और 1668 में मेवाड़ की राजधानी बनाने के बाद रस्म उदयपुर में होने लगी। इसके बाद पहला मौका है, जिसमें कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ में हुआ।10 नवम्बर को हुआ था महेंद्रसिंह का निधन
गौरतलब है कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्रसिंह मेवाड़ का निधन 10 नवंबर को हुआ था। वे 40 साल तक पूर्व राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पूर्व महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद ज्येष्ठ पुत्र के रूप में महेंद्र सिंह का 19 नवम्बर 1984 को सिटी पैलेस उदयपुर में तिलक कार्यक्रम हुआ था। यह भी पढ़ें