जाड़ावत ने बुधवार दोपहर यहां एक होटल में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार बनने के बाद पांच वर्ष के कुशासन का अंत होकर सुशासन की शुरूआत हुई है। इस सरकार के चित्तौडग़ढ़़ में प्रतिनिधि वे ही होंगे। जाड़ावत ने चुनाव में स्वयं की हार को स्वीकार करते हुए कहा कि क्या कमी रही ये तो पता नहीं लेकिन जनता जर्नादन का फैसला सबसे बड़ा होता है जिसे स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि इसे दुुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि चित्तौडग़ढ़ में विपक्ष जीता है। जो काम सत्ता में रहकर हो सकता वे विपक्ष में नहीं हो सकता। उन्होंने स्वयं को सरकार का विधायक तो बता दिया लेकिन एक सवाल के जवाब में ये भी साफ कर दिया कि सत्तापक्ष के जो विधायक जीत कर गए है सरकार में पहले उनकी बात सुनी जाएगी।
चित्तौडग़ढ़ में मेडिकल कॉलेज खुलवाने सम्बन्धी सवाल पर कहा कि वे चित्तौडग़ढ़ के हितों की पैरेवी तो करेगे लेकिन वे उतनी मजबूती से नहीं हो सकती जो कोई विधायक कर सकता है। हारे और जीते विधायक की पैरेवी में कुछ तो तो अंतर होता है। हम पैरेवी पूरी करेंगे लेकिन वे कितनी काम आएगी कह नहीं सकता।
दल या व्यक्ति विशेष के लिए कार्य करने वालों की होगी जांच
जाड़ावत ने कहा कि चित्तौडग़ढ़ में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ही उनको ही कार्य करना है। उनकी प्राथमिकता पांच वर्ष में पंगु कर दी गई कानून व्यवस्था को दुरूस्त कराना होगा। किसी व्यक्ति विशेष को किसी हालत में हावी नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि जिन अधिकारियों की भूमिका ठीक नहीं रही उनका परिवर्तन हो सकता। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाओं ने पिछले कुछ वर्र्ष में जिस तरह अपनी भूमिका से हटकर किसी दल या व्यक्ति विशेष के लिए कार्य किए और उनमें जो अनियमिताएं हुई उनकी जांच कराई जाएगी।
जाड़ावत ने कहा कि चित्तौडग़ढ़ में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ही उनको ही कार्य करना है। उनकी प्राथमिकता पांच वर्ष में पंगु कर दी गई कानून व्यवस्था को दुरूस्त कराना होगा। किसी व्यक्ति विशेष को किसी हालत में हावी नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि जिन अधिकारियों की भूमिका ठीक नहीं रही उनका परिवर्तन हो सकता। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाओं ने पिछले कुछ वर्र्ष में जिस तरह अपनी भूमिका से हटकर किसी दल या व्यक्ति विशेष के लिए कार्य किए और उनमें जो अनियमिताएं हुई उनकी जांच कराई जाएगी।
विधायक पर जीत के लिए धनबल उपयोग का आरोप
जाड़ावत ने चित्तौडग़ढ़ वर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या का नाम लिए बिना कहा कि इस चुनाव में पहली बार इस चुनाव में धनबल का पूरा उपयोग किया गया। आज तक किसी चुनाव में जो नहीं हुआ वो हुआ। चुनाव के अंतिम पांच दिनों में जिस तरह मतदाताओं को दिग्भ्रमित किया वो हार का कारण सामने आ रहा है। उन्होंने कांग्रेस में गुटबाजी के आरोप को नकारते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी, संगठन स्तर पर चुनाव में कोई कमी नहीं रही।
सामने आ रही हार की बौखलाहट
चुनाव में पराजित कांग्रेस प्रत्याशी धनबल के उपयोग जैसे जो भी भी आरोप लगा रहे है वे हार की बौखलाहट का प्रतीक है। जनता ने जिनको नकार दिया वे स्वंय को सरकार का विधायक कैसे बता सकते है। सरकार बताए कि क्या उनके विधायक जनता के चुने विधायक से अलग है। पार्टी विशेष का कोई नेता हो सकता है लेकिन सरकार सभी की होती है। विकास में कोई भदेभाव किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
चन्द्रभानसिंह आक्या, विधायक, चित्तौडग़ढ़
चुनाव में पराजित कांग्रेस प्रत्याशी धनबल के उपयोग जैसे जो भी भी आरोप लगा रहे है वे हार की बौखलाहट का प्रतीक है। जनता ने जिनको नकार दिया वे स्वंय को सरकार का विधायक कैसे बता सकते है। सरकार बताए कि क्या उनके विधायक जनता के चुने विधायक से अलग है। पार्टी विशेष का कोई नेता हो सकता है लेकिन सरकार सभी की होती है। विकास में कोई भदेभाव किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
चन्द्रभानसिंह आक्या, विधायक, चित्तौडग़ढ़