आरबीआई के अनुसार 10 रुपए के सभी सिक्के वैध हैं। इन्हें लेने से मना करने पर राजद्रोह का केस हो सकता है। क्या दुकानदारों की मनमानी रूकेगी?हमें बताएं… मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलिया सेठ के दरबार में जब भंडारा खोला तो भक्तों के कई पत्र भी निकले। किसी ने अपने स्वास्थ्य लाभ की कामना की तो किसी ने अपनी अपने बिजने की समस्या सांवलिया सेठ को बताई। भगवान सांवलिया सेठ के इस मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करने के दौरान मूर्ति से सीधा संवाद कर अपनी अर्जी लगाते है लेकिन बड़ी संख्या में अब ऐसे भी श्रद्धालु है जो अपनी विभिन्न समस्याओं तथा कामनाओं की लिखित अर्जिया चढाते है। यह सभी अर्जियां भंडार खुलने के दौरान नोटो के साथ निकलती है।
पुलिस गश्त के बावजूद तीन दुकानों में चोरी, माल से ज्यादा की तोडफ़ोड़ गत दिनों खोले भंडार में श्रद्धालु दिनेश सिंह ने 26 मार्च को डाली अर्जी में कहा कि प्रभु मेरा बिजनेस अच्छा कर देना। मुझे एक कॉलोनी में 2 प्लॉट खाली है वो दिला देना। नए मॉडल की कार भी दिला देना। मेरे घर परिवार पर पूरी कृपा बनाए रखना। मेरी जो गाडिय़ां चलती हैउसमें कोई नुकसान नहीं हो उसका ध्यान रखना। महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु ने माताजी की तबीयत ठीक करने व बहन की शादी कराने का आग्रह किया। अन्य राज्यों के श्रद्धालु पत्र ज्यादा भेजते हैं।
परीक्षा के कारण नहीं आ सके तो भेजा पत्र गुजरात के एक दम्पती ने सांवलिया सेठ को चिट्ठी भी लिखी है। इसमें लिखा है कि अभी बच्चों की परीक्षा के कारण हम दरबार में आ नहीं आए हैं। इसलिए यह चिट्ठी भेज रहे हैं। इसमें लिखा है कि हमारी जोड़ी सलामत रखना और मनोकामना पूरी करना। मैं जल्द आऊंगा और एक प्रसाद भी करूंगा।
पांच कमाता हूं, दस खर्च हो जाते एमपी के एक भक्त ने लिखी चिट्ठी में लिखा है कि मेरे से ऐसी क्या भूल हो गई। मैने कोई ऐसा पाप नही किया इसके बावजुद मुझे गांव छोडऩा पड रहा है। मेरे छोटे-छोटे पोते-पोती से दूर रहना पड़ रहा है। पांच कमाता हूं व दस खर्च हो जाते है। मुझे ऐसी शक्ति दो कि मै कर्ज मुक्त हो जाऊं।
उपहार भी आते भगवान के लिए कई भक्त ऐसे हैं जो भंडारे में अपना विजिटिंग कार्ड और फोटो भी डाल जाते हैं। इसके पीछे लिखते हैं हमारा सदा ख्याल रखना। गत दिनों यहां नोटों को अफीम में भिगोकर के भी चढ़ाकर गएथे। ऐसी मान्यता है कि इससे अच्छी उपज मिलती है।
भंडार से निकलती हैं अर्जियां सांवलिया सेठ के भंडार से कई श्रद्धालुओं की लिखित अर्जियां निकलती है। इसमें कुछ भक्त यहां चढ़ा जाते हैं तो कई पोस्ट से भी आती है।जो दूर के श्रद्धालु है वे मनोकामना पूरी होने पर भगवान के चढ़ावा भी चढ़ाते हैं।
सत्यनारायण शर्मा, अध्यक्ष, श्री सांवलियाजी मंदिर मण्डल, मंडफिया