बहन अक्षी बनीं चित्तौड़गढ़ की पहली महिला पायलट
अक्षी यानी मानसिक रूप से मजबूत और निडर। लीडर बनने के गुणों वाली। चित्तौड़गढ़ की 20 साल की अक्षी ने अपने नाम को उसके अर्थ के अनुरूप सार्थक किया है। अक्षी ने 14 साल की उम्र में ही पायलट बनना तय कर लिया था। इसी जुनून के साथ उसने पहली बार में ही 6 फेज में हुई परीक्षा पास कर ली। जब अक्षी 14 साल की थी, तब दुबई में एक घटना घटी जिसके बाद अक्षी ने ठान लिया कि वह पायलट बनकर रहेगी। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि अक्षी छोटी थी और दुबई में पायलट केबिन में चली गई। वहां उसे टोका गया और बाहर जाने के लिए कहा। अक्षी ने तब मन में ठान लिया था कि उसे पायलट बनना है। यह जिद धीरे-धीरे उसका सपना बन गया।