मिली जानकारी के अनुसार इस बाद दिवाली पर सांवलिया सेठ मंदिर प्रबंधन ने गोलख यानी दानपेटी नहीं खोली थी। इसे दो महीने के बाद अब सात दिन पहले खोला गया है। छह दिन तक लगातार गणना की गई है और उसके बाद जाकर करीब ढ़ाई किलो सोना, करीब 180 किलो चांदी, विदेशी मुद्रा समेत भारतीय करेंसी की गणना की गई है जो 35 करोड़ से ज्यादा की है। इस बार भक्तों ने एक किलो सोने का बिस्कीट, और इसके अलावा छह सोने के छोटे बिस्कीट चढ़ाए हैं। जिनका वजन सौ-सौ ग्राम है। इस बार करीब 583 किलो वजन का एक रथ भी चढ़ाया गया है। जिसमें 454 किलो लकड़ी है और बाकि चांदी है। सोने की पॉलिश भी चढ़ाई गई है।
उल्लेखनीय है कि सांवलिया सेठ के मंदिर में हर महीने गणना होती है। यह गणना महीने की चतुर्दशी तिथी को होती है। इस बार तीस नवम्बर को दानपात्र खुला और उसके बाद नियमानुसार गणना की गई। इस बार सबसे ज्यादा राशि भेंट की गई है।