चित्तौड़गढ़

नगर परिषद ने बजवा दिए 22 लाख के ढोल, 51 लाख रूपए का करवा दिया नाश्ता

बुधवार को एक दिलचस्प मामला सामने आया। दरअसल, नगर परिषद के आयुक्त नारायण लाल मीणा को ने बुधवार को शहर के विकास के मुद्दे ज्ञापन सौंपने गए भाजपा पार्षदों के समक्ष एक खुलासा कर दिया। उन्होंने परिषद ( Financial irregularity) की फिजूलखर्ची के बारे में बताया कि नगर परिषद ( CHITTORGARH NAGAR PARISHAD ) ने 22 लाख के ढोल बजवा दिए और 51 लाख रूपए नाश्ता करवा दिया।

चित्तौड़गढ़Jul 24, 2019 / 08:55 pm

abdul bari

नगर परिषद ने बजवा दिए 22 लाख के ढोल, 51 लाख रूपए का करवा दिया नाश्ता

चित्तौडग़ढ़
नगर परिषद ( CHITTORGARH NAGAR PARISHAD ) में बुधवार को एक दिलचस्प मामला सामने आया। दरअसल, नगर परिषद के आयुक्त नारायण लाल मीणा को ने बुधवार को शहर के विकास के मुद्दे ज्ञापन सौंपने गए भाजपा पार्षदों के समक्ष एक खुलासा कर दिया। उन्होंने परिषद की फिजूलखर्ची ( Financial irregularity) के बारे में बताया कि नगर परिषद ने 22 लाख के ढोल बजवा दिए और 51 लाख रूपए नाश्ता करवा दिया।
 

उन्होंने कहा कि नगर परिषद ( chittorgarh nagar council ) आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। जमीनों के मामले में अभी मंदी चल रही है, ऐसे में परिषद के भूखण्ड बिक नहीं पा रहे हैं। भूखण्ड बिकने पर प्राप्त होने वाली राशि विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी।
परिषद के आर्थिक हालात बिगडऩे के लिए जिम्मेदार कौन है? इस सवाल पर आयुक्त ने कहा कि फण्ड का दुरूपयोग हुआ है। जहां विकास कार्यों में पैसा खर्च होना चाहिए था, उसकी जगह निजी संस्थाओं के आयोजनों में और निजी कार्यक्रमों में नगर परिषद के करोड़ों रूपए खर्च कर दिए गए, जो गलत है।
 

फ्लोवर डेकोरेशन पर 55 लाख रूपए

आयुक्त ने कहा कि नगर परिषद की ओर से विभिन्न मौकों पर ढोल बजवाने पर 22 लाख रूपए और नाश्ता करवाने पर 51 लाख रूपए खर्च किए गए है। फ्लोवर डेकोरेशन पर 55 लाख रूपए, अतिक्रमण व गौताखोरों पर 1.17 करोड़ रूपए खर्च कर करोड़ों रूपए की अनियमितताएं की गई हैं। जो खर्चा नहीं होना चाहिए था उस पर भी 14 से 15 करोड़ रूपए खर्च कर दिए गए। इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंचने पर रिपोर्ट भी मांगी गई। तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को भिजवा दी गई है। आयुक्त ने साफ तौर पर कहा कि वित्तीय अनियमितताओं के कारण ही आज परिषद को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है।

पैंतीस करोड़ की देनदारियां

आयुक्त ने बताया कि नगर परिषद पर तीस से पैंतीस करोड़ रूपए देनदारियां हैं और एक करोड़ रूपए का व्यय प्रति माह नल, बिजली, पेट्रोल-डीजल जैसे आवश्यक संसाधन जुटाने पर हो रहा है।

इनका कहना है…

सरकार हर स्तर पर करवा ले जांच

हमने शहर के विकास के लिए काम किए हैं। आयुक्त को गरिमा में रहना चाहिए। सरकार चाहे किसी भी फाइल की जांच करवा ले। हमने किसी भी तरह की अनियमितताएं नहीं की हैं।
सुशील शर्मा सभापति नगर परिषद, चित्तौडग़ढ़

( प्रतीकात्मक तस्वीर )

 

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