पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कोठारी को स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन पत्र सौंपा। साथ ही सम्मान में मिले नकद पुरस्कार को कोठारी ने समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए आयोजन समिति को भेंट कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मां कुलदेवी का रूप होती है। जीवन को व्यर्थ करना या उसका उपयोग करना इंसान पर निर्भर है।
इससे पूर्व संत सुनीलसागर ने विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर बढ़ते अवसाद को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि हार तब होती जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है। समारोह को अखिल भारतीय दिगम्बर महासभा के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया ने भी सम्बोधित किया।