भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उप महानिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि 3 दिसंबर 2020 को तत्कालीन अधीक्षण अभियंता नगर विकास न्यास भीलवाड़ा रामेश्वर प्रसाद शर्मा, अधिशासी अभियंता सतीश कुमार शारदा, सहायक अभियंता ब्रह्मालाल शर्मा ने लोकसेवक होते हुए पद का दुरुपयोग कर मिलीभगत से अनैतिक लाभ प्राप्त करने के लिए परिवादी राहुल डाड की फर्म मैसर्स श्यामलाल डाड की ओर से करवाए गए निर्माण कार्यों के बिलों का भुगतान करने के बदले रिश्वत राशि मांगी थी।
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ट्रेप के दौरान परिवादी से एक लाख रुपए घूस लेने के संबंध में प्रकरण दर्ज कर विशिष्ठ न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सेशन न्यायालय भीलवाड़ा में आरोप-पत्र पेश किया गया। ट्रेप कार्रवाई के दौरान सतीश कुमार शारदा निवासी आरसी व्यास कॉलोनी भीलवाड़ा के मकान, प्रतिष्ठानों की तलाशी से पाया गया कि आरोपी शारदा की 9 मार्च 2000 से 3 दिसंबर 2020 तक की अवधि में वैध आय एक करोड़ पच्चीस लाख रुपए थी। जबकि उसकी परिसंपत्तियों में विभिन्न बैंको में कुल 25 एफडीआर में निवेश, खुशाल सिक्योरिटी में निवेश, भारतीय डाकघर में पीपीएफ खाता, सावधि जमा चार खातों में निवेश, एसबीआई, जीवन बीमा पॉलिसी में निवेश, एचडीएफसी इंश्योरेंस की पॉलिसी, बैंक बचत खाता, आरोपी की पत्नी ज्योत्सना शारदा के नाम से 06 भूखण्ड खरीद, कार सहित अन्य परिसंपत्तियों का कुल योग तीन करोड़ रुपए से अधिक होना पाया गया जो ज्ञात स्त्रोत आय से करीब 200 प्रतिशत अधिक है। आरोपी शारदा के खिलाफ आय से अधिक सपति के सबन्ध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एसीबी चित्तौडग़ढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने दर्ज कराया है।