जानकारी देते हुए सरिता धाकड़ ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में वीओसीआरपी, एसएचजीसीआरपी में 300 से अधिक महिला कार्मिक केडर कार्य कर रही थी। जिसमें जिले से बाहर जाकर भी विधवा व असहाय महिला कार्मिक भी महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के बारे में जागरूक करती थी और अपने परिवार व बच्चों का लालन-पालन अच्छे से कर पा रही थी। इसके बंद होने से इनकी आजीविका/ रोजगार बंद हो गया और परिवार का संचालन मुश्किल हो गया। समस्त महिला कार्मिकों ने शुक्रवार को जिला कलक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन सौंप कर डिस्ट्रीक्ट या राजीविका से कार्य दिलाने की मांग की ताकि पुन: अपना जीवन यापन सुचारू कर सके।