चित्तौड़गढ़ में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिहाज से नवंबर 2022 में जिप लाइन का वर्चुअल शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्रियों ने किया था। करीब 73 लाख रुपए की लागत से तैयार की गई जिप लाइन की सौगात 11 मार्च 2023 को आमजन को दे दी गई थी।
जिप लाइन के संचालन का ठेका नीमच के एक ठेकेदार को करीब 15 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से दिया गया था। जिप लाइन की सौगात मिलने के बाद उम्मीद जताई गई थी कि इससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और उनका यहां ठहराव भी हो सकेगा। शुरुआत के दिनों में देशी-पर्यटकों के बड़ी संख्या में यहां पहुंचने का क्रम भी शुरू हो गया था। जिले की प्रथम जिप लाइन का निर्माण वन विभाग की ओर से करवाया गया था।
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खामियां सामने आते ही बंद
जिप लाइन शुरुआत में तो अच्छी चली पर धीरे-धीरे इसमें गड़बड़ियां सामने आने लगीं। गुजरात से आए इंजनियरों ने जांच की तो इसमें करीब नौ खामियां सामने आई, जिसमें पर्यटकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका जताई गई। इसके बाद से ही करीब डेढ़ माह पहले जिप लाइन पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। मोहर मंगरी में 382 मीटर लंबी व छह फीट ऊंची तथा एक हजार मीटर लंबी व दो फीट ऊंची दीवार का निर्माण भी कराया गया था। इसके अलावा नाडी निर्माण, झोंपा, गेट निर्माण, साढ़े तीन हजार मीटर लंबे ट्रेक, धनुष सर्किल निर्माण, कमल तलाई, पानी के टैंक का निर्माण, वाटर फॉल टैंक, चबूतरा निर्माण, सेल्फी पॉइंट सुविधा घर व बच्चों के लिए क्रीड़ा स्थल का निर्माण कराया गया है। इको ट्यूरिज्म को बढावा देने और लोगों को वन क्षेत्र में भ्रमण की सुविधा उपलब्ध करवाने और पर्यटकों के साथ ही आमजन को प्रकृति के करीब लाने के तमाम प्रयासों पर जिप लाइन खराब होने से पानी फिरता नजर आ रहा है।
जिप लाइन पर प्रथम पॉइंट से द्वितीय पॉइंट की दूरी 160 मीटर है। द्वितीय पॉइंट से प्रथम पॉइंट की दूरी 250 मीटर है। इसमें कोई भी विजिटर्स ने एडवेंचर के तौर पर जिप लाइन राइड कर चुके। प्रति व्यक्ति 150 रुपए वाटिका भ्रमण मय जिप लाइन का शुल्क निर्धारित किया गया था।
जीप लाइन पर जाने वाले व्यक्ति को अपने आधार कार्ड की प्रति एवं विभाग की ओर से जारी बॉण्ड पर अपनी सहमति एवं हस्ताक्षर करने की बाध्यता रखी गई थी। राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में जिप लाइन के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। यह बात अलग है कि इस पर खर्च 73 लाख रुपए ही हुए।
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