बिलोदा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढऩे वाली छात्राएं नर्बदा (12) पुत्री गणेश मीणा, रवीना (15) पुत्री श्यामलाल मीणा, जसोदा (12) पुत्री सत्यनारायण मीणा तथा कोमल (13) पुत्री मोतीलाल मीणा शुक्रवार दोपहर को विद्यालय से लौटने के बाद गांव के तालाब की ओर चली गईं। वहां पर एक बालिका का पांव फिसला तो अन्य ने हाथ पकड़ कर बचाने का प्रयास किया। एक-एक कर चारों छात्राएं पानी में डूबने लगीं। इस दौरान उनके साथ एक और छात्रा धनु वहां मौजूद थी। उसके चिल्लाने पर पास ही काम कर रहा एक किशोर विक्रम मीणा दौड़ा और बालिकाओं को बचाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इस दौरान चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग भी दौड़ पड़े व बालिकाओं को तालाब से निकालने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने चारों बालिकाओं को तालाब से बाहर निकाला और उन्हें डूंगला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां डॉक्टर ने चारों को मृत घोषित कर दिया।
अवैध खनन के गड्ढे बन रहे जानलेवा
क्षेत्र के तालाबों में ग्रीष्मकालीन ऋतु में बड़ी मात्रा में अवैध खनन किया गया जिससे तालाबों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इससे पानी की गहराई का अंदाजा नहीं हो पाता। इसी के चलते चार बालिकाओं की डूबने से मौत हो गई।पहुंचे मंत्री और ग्रामीण
बिलोदा एवं डूंगला के ग्रामीण चिकित्सालय पहुंचे व परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान सहकारिता मंत्री गौतम दक, उपखंड अधिकारी ईश्वरलाल खटीक सहित बड़ी संख्या में लोग चिकित्सालय पहुंचे। चारों बालिकाओं का पोस्टमार्टम करा शव परिजन को सौंपा गया। परिजन को शव सौंपते समय माहौल बहुत ही गमगीन हो गया एवं हर किसी की रुलाई फूट पड़ी। देर शाम सभी छात्राओं का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।इनका कहना है…
चार छात्राओं के पानी में डूबने की सूचना मिली। ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकाल कर सीएचसी पर पहुंचाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिए गए हैं। – घेवरचंद, थानाधिकारी डूंगला सरकार की ओर से मृतकों के परिजन को सहायता दिलाई जाएगी। विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना और आपदा प्रबंधन योजना से हरसंभव मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। – ईश्वरलाल खटीक, एसडीएम डूंगला
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