चित्तौड़गढ़

Chittorgarh Fort : दुर्ग पर जल्द मिलेगी रोप – वे की सौगात

Chittorgarh Fort Ropeway : विश्व विरासत में शुमार हमारे दुर्ग को जल्द ही रोप-वे की सौगात मिल जाएगी। सरकार ने रोप-वे निर्माण को मंजूरी दे दी है।

चित्तौड़गढ़Feb 19, 2024 / 01:39 pm

Supriya Rani

Chittorgarh Fort Rajasthan : विश्व विरासत में शुमार हमारे दुर्ग को जल्द ही रोप-वे की सौगात मिल जाएगी। सरकार ने रोप-वे निर्माण को मंजूरी दे दी है। पत्रिका ने जुलाई 2023 में सबसे पहले दुर्ग पर रोप-वे की आवश्यकता को लेकर अभियान के जरिए लगातार मुद्दा उठाया था। तब तत्कालीन जिला कलक्टर व सांसद ने रूचि दिखाते हुए इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए थे। पत्रिका की इस सकारात्मक पहल को आखिर सरकार ने अमलीजामा पहना दिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

पत्रिका ने दस से तेरह जुलाई 2023 को चित्तौड़ को चाहिए रोप-वे की सौगात। रोप-वे से दुर्ग पर कम होगी वाहनों की आवाजाही तथा सांसद बोले, चित्तौड़ दुर्ग पर रोप-वे प्राथमिकता में शामिल शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस तरफ खींचा था। समाचारों में प्रमुखता के साथ इस बात को रखा था कि भले ही सीमेंट के बाद अब मेडिकल हब बनने जा रहा हो, लेकिन हमारी सबसे बड़ी पहचान विश्व विरासत चित्तौड़ दुर्ग से ही है।

 

 

 

 

 

 

देश और दुनिया के चित्र पटल पर दुर्ग ही यहां के इतिहास को जीवंत रखे हुए हैं। समय के साथ विकास के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। दुर्ग को प्रदूषण से बचाने और यहां के स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए अब जरूरी हो गया है कि दुर्ग पर बसों और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम हो। हर दिन बड़ी संख्या में यहां वाहनों के पहुंचने से वायु प्रदूषण तो होता ही है, साथ ही वाहनों की आवाजाही से कहीं न कहीं यहां के स्मारक भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में यदि दुर्ग पर रोप-वे की सौगात मिलती है तो पर्यटन उद्योग के पंख लगने के साथ ही दुर्ग पर वाहनों की आवाजाही में कमी आएगी। वायु प्रदूषण भी कम होगा और दुर्ग के ऐतिहासिक स्मारक भी संरक्षित रह पाएंगे। दुर्ग पर सूरजपोल की तरफ यदि रोप-वे बनता है तो पर्यटकों की दुर्ग पर उन इलाकों तक भी पहुंच हो जाएगी, जहां अमूमन वह जाते ही नहीं है। पर्यटन विकास की दृष्टि से रोप-वे की सुविधा मील का पत्थर साबित हो सकती है। गौरतलब है कि दुर्ग पर हर साल सीजन में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। यहां एक ही मार्ग होने के कारण दुर्ग पर आए दिन जाम के हालात का सामना करना पड़ता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

यह दुर्ग 7 किलोमीटर लंबा और 2.8 किलोमीटर चौड़ा है। जिसके चारों तरफ मजबूत दीवारें बनी हुई है। ऐतिहासिक स्मारक विजय स्तंभ, नव लखा भंडार, मीराबाई मंदिर, कालिका माता मंदिर, गोमुख कुण्ड, कीर्ति स्तंभ आदि स्थित है। दुर्ग पर दुपहिया, चार पहिया व पैदल यात्रियों के जाने का केवल एक ही मार्ग है । अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है। इससे आए दिन विशेषकर शनिवार-रविवार एवं अन्य अवसरों पर जाम की स्थिति बनी रहती है और यातायात को सुचारू करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती है।

 

पत्रिका की ओर से उठाए गए रोप-वे के मुद्दे को लेकर सांसद सीपी जोशी भी आगे आए। उन्होंने तब कहा था कि दुर्ग पर रोप-वे का निर्माण उनकी प्राथमिकता में शामिल कर लिया गया है और वे इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन जिला कलक्टर पोसवाल को इसकी डीपीआर तैयार करने को भी कहा था।
यह भी पढ़ें

Rajasthan Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां रफ्तार पर, EVM की प्रथम स्तरीय जांच पूरी

Hindi News / Chittorgarh / Chittorgarh Fort : दुर्ग पर जल्द मिलेगी रोप – वे की सौगात

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.