जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में प्रदेश की सीलिंग सीमा 4 करोड़ 44 लाख लाभार्थी तक सीमित थी। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि शहरी आबादी के 53 प्रतिशत तथा ग्रामीण आबादी के 69 प्रतिशत जरूरतमंद परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में मुत राशन का लाभ दिया जाना था। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 44 लाख लाभार्थी हो चुके हैं।
कियोस्क धारकों को निर्देश
अतिरिक्त खाद्य आयुक्त की ओर से नए नाम जोडऩे पर रोक लगाने के बाद ई-कियोस्क धारकों को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में राशन कार्डों में नए नाम नहीं जोडऩे के लिए पाबंद कर दिया है। विभाग का कहना है कि राशन कार्डों से नाम हटाने की प्रक्रिया भी चल रही है। अपात्रों के अलावा जिन लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी हैं, उनके नाम हटाए जा रहे हैं। नाम हटने के बाद सीलिंग सीमा के लाभार्थियों की संया में जो अंतर आएगा उसी के अनुरूप नए नाम जोड़े जाएंगे।
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को केन्द्र सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ते हुए हर माह मुत राशन दिया जा रहा है। बरसों के इंतजार के बाद खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र परिवारों के सदस्यों को जोडऩे के लिए खाद्य सुरक्षा पोर्टल खोला गया था। पर एक माह में ही पोर्टल लॉक हो गया है। चयनित परिवारों के 18 वर्ष तक के बच्चों एवं विवाहित महिलाओं के नाम जोडऩे के लिए पोर्टल खोला गया था।
कम समय मिलने से परेशानी
लोगों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए विभाग ने बहुत कम समय दिया। राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड बनवाने तथा विवाहिताओं के विवाह प्रमाण पत्र व पिता के राशन कार्ड से नाम हटवाने की एनओसी आदि लेने में समय लग रहा था। ऐसे में कम से कम नया नाम जुड़वाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था।
लाखों आवेदन आए
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने हाल में राशन कार्डों में नए नाम जोडऩे की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके प्रथम चरण में लंबित आवेदनों का निपटारा करना था। इन आवेदनों का निपटारा करते हुए लाभार्थियों की संया सीलिंग सीमा को पार कर गई। ऐसे में नए नाम जोडऩे की प्रक्रिया पर विभाग के अतिरिक्त खाद्य आयुक्त ने आदेश जारी कर रोक लगा दी पोर्टल बंद कर दिया है
सीलिंग पूरी होने से पोर्टल बंद कर दिया गया है। सरकार के आदेश के अनुसार अगली कार्रवाई होगी।
-हितेष जोशी, जिला रसद अधिकारी, चित्तौड़गढ़