ग्रुप के जरिए स्मार्ट आंगनबाड़ी कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम भी किए जाएंगे। विभाग ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे। आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षकों व कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जिले में 1700 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 आयु वर्ष के बच्चे पंजीकृत हैं। जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 साल के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके अन्तर्गत बच्चों को खेल-खेल में पांच आयामों पर समय सारणी के अनुसार गतिविधियां आयोजित करवाई जाती है। इसमें बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केंद्रों पर समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच और टीकाकरण करवाया जाता है। प्रतिदिन उन्हें पोषाहार भी दिया जाता है।
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प्रतिदिन गतिविधियां करनी होगी अपलोड
आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस प्रयोग से बच्चे खेल के साथ पढ़ाई में निपुण बनेंगे। ग्रुप में प्रतिदिन बच्चों को कराई जाने वाली गतिविधियों की जानकारी अपलोड करनी होगी। इससे बच्चे के अभिभावक भी जान सकेंगे कि बच्चे ने केंद्र पर क्या सीखा है। इससे काम में भी पारदर्शिता आएगी। साथ ही अन्य गतिविधियों की जानकारी साझा होने से अभिभावक मॉनिटरिंग भी कर सकेंगे।यह है उद्देश्य
● प्रारंभिक शिक्षा के जरिए बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास करना। ● कार्य सहायिका की शिक्षण कौशल और प्रेरणा में वृद्धि लाना। ● घर पर सीखने और आंगनबाड़ी के साथ जुड़ाव के लिए देखभाल करने वाले के ज्ञान, दृष्टिकोण और आत्मविश्वास में बदलाव लाना। ● पोषण और शिक्षा को एकीकृत करना, जिससे बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके। ● केन्द्र पर बच्चे ने जो सीखा है, उसका अभिभावक अभ्यास करा सकेंगे। ● काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही और अनदेखी नहीं हो सकेगी।
● अभिभावकों की केेद्र पर बच्चों को नियमित भेजने के प्रति रूचि बढ़ेगी।
एनएल मेघवाल, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, चित्तौड़गढ़
प्रक्रिया शुरू कर दी है
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं द्वारा अभिभावकों के ग्रुप बनाए जाएंगे। इस पर प्रतिदिन बच्चों को कौनसी गतिविधियां कराई गई, इसकी जानकारी अपलोड होगी। ग्रुप बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे बच्चे खेल-खेल के साथ पढ़ाई में भी निपुण बन सकेंगे। साथ ही हर गतिविधियों पर अभिभावकों की नजर रहेगी।एनएल मेघवाल, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, चित्तौड़गढ़