चित्रकूट

चित्रकूट जेल के कमरे में पति से मिलने के लिए निखत जेल अधीक्षक का उठाती थी खर्चा, 15 लाख की कार गिफ्ट की थी

जेल अधीक्षक अशोक सागर ने 1 साल से अपनी सैलरी बैंक से नहीं निकाली थी। उनका सारा खर्चा निखत ही उठाती थी।

चित्रकूटMay 05, 2023 / 10:10 pm

Upendra Singh

चित्रकूट जेल में निखत और अब्बास अंसारी रंगे हाथ पकड़े गए थे। जेल अधीक्षक अशोक सागर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। ये 850 पन्नों की है। इसमें निखत के जेल में आने की सेटिंग कराने से लेकर उसकी गिरफ्तारी तक की कहानी है।
चार्जशीट में जेल अधीक्षक अशोक सागर का भी काला चिट्ठा है। जेल अधीक्षक के खातों की डिटेल की जांच की गई है। कई राज खुले हैं। पैसों के ट्रांजेक्‍शन और लेन-देन का ब्योरा मिला है।
11 फरवरी को DM-SP ने चित्रकूट जेल में छापा मारा
11 फरवरी, 2023 को चित्रकूट जेल में DM-SP ने छापा मारा। जेल के एक कमरे में निखत और उसका पति ‌विधायक अब्बास अंसारी मिले। पुलिस ने निखत को गिरफ्तार कर लिया। निखत चित्रकूट जेल में बंद है। अब्बास अंसारी को प्रशासन ने कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया। निखत और उसका ड्राइवर चित्रकूट जेल में बंद है। विधायक अब्बास अंसारी को कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया। 3 मई को चार्जशीट दाखिल की गई है।

जेल अधीक्षक का पूरा खर्चा उठाती थी निखत
चार्जशीट के मुताबिक, निखत अंसारी जेल कैंटीन के ठेकेदार नवनीत सचान की मदद जेल में एंट्री ली। नवनीत ने ही जेल के अंदर सभी को सेट कर दिया। उसी ने निखत को जेल अधीक्षक से मिलवाया था। निखत ने पैसों से जेल अधीक्षक का मुंह बंद कर दिया।

निखत ने पहली मुलाकात में जेल अधीक्षक को 15 लाख की कार गिफ्ट की थी। उसने कार के 12 लाख रुपए जेल अधीक्षक के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए थे। कार का 12 लाख का पेमेंट जेल अधीक्षक ने किया था। वहीं 3 लाख का पेमेंट कहीं और से हुआ था। इसकी जानकारी जेल अधीक्षक को भी नहीं है।

सैलरी का थोड़ा सा भी हिस्सा अकाउंट से नहीं निकाला था
जेल अधीक्षक अशोक सागर अपनी सैलरी को बैंक अकाउंट से नहीं निकाली। उसका पूरा खर्चा निखत उठाती थी। उसैलरी से बस उसका लोन का पैसा कटता था, जो उसने घर बनवाने के लिए लिया था। इसके अलावा 1 रुपया भी जेल अधीक्षक के अकाउंट से नहीं निकाला गया।

जेल अधीक्षक को एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ में पेश किया गया था
जेल अधीक्षक अशोक सागर के घर की तलाशी ली गई थी। उसके पास उसके पास से एक गाड़ी और 4 लाख रुपए मिले थे। इन पैसों को अशोक सागर ने अपने किचन में बनी एक अलमारी में रखा था। इन पैसों और गाड़ी का ब्योरा भी अशोक सागर नहीं दे पाया था। इसके बाद उसे एंटी करप्शन कोर्ट लखनऊ में पेश किया गया। यहां से अशोक सागर को लखनऊ जेल में बंद कर दिया गया।

निखत जेल अधीक्षक की फैमिली को बाहर घूमने जाने के लिए भी भेजा करती थी
जेल अधीक्षक ने ये कबूला था कि निखत और अब्बास अंसारी के पैसों से उसने एक कार ली थी। साथ ही, निखत अंसारी उसके घर का सारा खर्चा चला रही थी। वो उसके घर पर खाने-पीने के सामान से लेकर ज्वेलरी-कपड़े सब भेजा करती थी। यहां तक कि वो उसको और फैमिली को बाहर घूमने जाने के लिए भी भेजा करती थी। सबका खर्चा वही उठाती थी। उसकी पत्नी के लिए भी महंगे गिफ्ट भिजवाया करती थी।

इतना ही नहीं, निखत ने जेलर संतोष कुमार और वार्डन जगमोहन को भी पति से मिलाने के नाम पर पैसे और कई तरह के गिफ्ट दिए। निखत-अब्बास की मुलाकात कराने में डिप्टी जेलर चंद्रकला का भी हाथ था। इसके पास से भी घूस के 5 लाख 80 हजार रुपए, 2 मोबाइल फोन और एक कार बरामद हुई है।

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