अपराधी अंशु दीक्षित ने सुबह दस बजे मौका पाते ही मेराज और मुकीम काला को पिस्टल से ढेर कर दिया। कहा जा रहा है कि अंशु उसके बाद भी अन्य कैदियों पर फायर करता रहा। जिसके चलते पुलिस को उसे मार गिराना पड़ा। तो अपराधी खत्म और हत्यारा भी खत्म, मतलब सुबूत भी खत्म। उस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए कई सवाल पुलिस व्यवस्था पर खड़ हो रहे हैं। पूरे जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध लगने लगी है। लेकिन अफसर हैं कि इसपर बात करने को तैयार नहीं है।
ये भी पढ़ें- चित्रकूट जेल में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर फायरिंग, पश्चिमी यूपी के दो हार्डकोर क्रिमिनल की हत्या यूं अलग-अलग दिनों में आए थे तीन- तीनों का जेल में आने की क्रोनोलॉजी देखिए। हत्यारा अंशु दीक्षित करीब डेढ़ वर्ष पहले आठ दिसंबर, 2019 से चित्रकूट जेल में बंद था। उसके सुल्तानपुर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। उसके पर विशेष निगरानी रखने की हिदायत भी दी गई थी। फिर 20 मार्च 2021 को मेराज को बनारस जिला जेल से चित्रकूट जेल में ट्रांसफर किया गया था। 7 मई 2021 को जिला जेल सहारनपुर से चित्रकूट जेल में मुकीम काला को लाया गया था।
ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में बढ़े महिला अपराध, देखें- क्या कहती है NCRB और UP Police की रिपोर्ट क्या अंशु को नाश्ते के साथ पिस्टल पहुंचाई गई थी? जेल सूत्राें की मानें, तो सुबह 9:30 बजे जेल के आदर्श कैदी सभी बैरकों में जाकर नाश्ता बांट रहे थे। इससे पहले सभी की गिनती की गई थी, जिसमें अधिकतर बैरक के बाहर थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान दौ कैदी एक बाल्टी में कच्चा चला व गुड़ लेकर अंशु की बैरक में पहुंचे और देकर वहां से चले गए। इसकी के तुरंत बाद अंशु ने पिस्टल से मेराज और मुकीम की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटनाक्रम पर यकीन करें, तो पता चलता है कि अंशु को नाश्ते के साथ ही पिस्टल पहुंचाई गई थी। खबरों की मानें, तो अंशु इसके बाद भी फायर करता रहा। साथ ही पांच अन्य कैदियों को भी मारने की धमकी देता रहा। डर के कारण मौजूद जेल कर्मी उसके करीब नहीं गए। बाद में पुलिस फोर्स पहुंची। उसे सरेंडर करने को कहा, लेकिन न मानने पर उसकी घेरबंदी करके एनकाउंटर किया गया।
सीएम योगी ने मांगी रिपोर्ट- घटना से लखनऊ में भी हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए डीजी जेल से 6 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी हैं। जिसके बाद प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज रेंज, पीएन पांडे घटना की जांच व स्थिति का जायजा लेने के लिए चित्रकूट पहुंच गए।