चित्रकूट

चित्रकूट जेल गैंगवार के बाद बड़ी कार्रवाई, सस्पेंड हुए जेल अधीक्षक और जेलर, अशोक कुमार सागर को बनाया नए जेल सुपरिटेंडेंट, देखें ट्रांसफर लिस्ट

Gangwar in Chitrakoot Jail in UP- Ashok Kumar Sagar new Jail Superintendent. गैंगवार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर जेलर और जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने दोनों की अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। इस मामले में विभागीय कार्रवाई के भी आदेश हैं।

चित्रकूटMay 15, 2021 / 09:39 am

Karishma Lalwani

Gangwar in Chitrakoot Jail in UP

चित्रकूट. Gangwar in Chitrakoot Jail in UPAshok Kumar Sagar new Jail Superintendent. उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में शुक्रवार को हुई गैंगवार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर जेलर और जेल अधीक्षक समेत पांच को निलंबित कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने दोनों की अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। इस मामले में विभागीय कार्रवाई के भी आदेश हैं। वहीं, कारागार विभाग में बड़े स्तर पर बदलाव भी किए गए हैं। शुक्रवार को हुई घटना के बाद तबादला नीति पर काम करते हुए अशोक कुमार सागर को चित्रकूट जेल का सुपरिटेंडेंट और सीपी त्रिपाठी को जेलर बनाया गया है। इसी तरह संजीव त्रिपाठी को डीआईजी जेल प्रयागराज और अयोध्या रेंज का प्रभार सौंपा गया है। जबकि शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को डीआईजी, कारागार मुख्यालय और डीआईजी लखनऊ परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है।
बता दें शुक्रवार सुबह जेल में कैद अंशुल दीक्षित ने पिस्टल से यहां बंद मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली और मुकीम उर्फ काला पर गोली चला दी। हमले में दोनों की मौत हो गई। ये दोनों की पश्चिमी यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल माने जाते थे। जेल के भीतर हुई इस घटना के बाद पुलिस ने वहीं अंशुल दीक्षित का एनकाउंटर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में अंशुल दीक्षित को पुलिस ने मार गिराया।
कौन था अंशुल दीक्षित

चित्रकूट जेल में गोली मारकर कैदी की हत्या करने के आरोपी अंशुल दीक्षित को 2014 में गोरखपुर एसटीएफ ने दबोचा था। तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड के मामले में गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद अरेस्ट किया था। उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है। अंशुल दीक्षित पर सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या का भी आरोप है। इस बात को उसने एसटीएफ के सामने कबूल की थी। अंशुल दीक्षित द्वारा की गई फायरिंग में सीओ एसटीएफ विकास चंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल अनूप कुमार, एसआई सत्य प्रकाश सिंह और हेड कांस्टेबल भानू प्रताप सिंह बाल-बाल बचे थे।
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