बता दें शुक्रवार सुबह जेल में कैद अंशुल दीक्षित ने पिस्टल से यहां बंद मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली और मुकीम उर्फ काला पर गोली चला दी। हमले में दोनों की मौत हो गई। ये दोनों की पश्चिमी यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल माने जाते थे। जेल के भीतर हुई इस घटना के बाद पुलिस ने वहीं अंशुल दीक्षित का एनकाउंटर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में अंशुल दीक्षित को पुलिस ने मार गिराया।
कौन था अंशुल दीक्षित चित्रकूट जेल में गोली मारकर कैदी की हत्या करने के आरोपी अंशुल दीक्षित को 2014 में गोरखपुर एसटीएफ ने दबोचा था। तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड के मामले में गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद अरेस्ट किया था। उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है। अंशुल दीक्षित पर सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या का भी आरोप है। इस बात को उसने एसटीएफ के सामने कबूल की थी। अंशुल दीक्षित द्वारा की गई फायरिंग में सीओ एसटीएफ विकास चंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल अनूप कुमार, एसआई सत्य प्रकाश सिंह और हेड कांस्टेबल भानू प्रताप सिंह बाल-बाल बचे थे।