लपटों पर काबू पाने का प्रशासन कर रहा प्रयास।
चित्रकूट•May 10, 2018 / 04:35 pm•
Ashish Pandey
देर रात भड़की आग पर सुबह वन विभाग ने काबू पाने का प्रयास शुरू किया। लपटें इतनी भयंकर थीं कि कई किलोमीटर दूर से ही उनकी रौशनी देखी जा सकती थी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वन विभाग और फायर ब्रिगेड ने किसी तरह लपटों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। आस पास के इलाकों के लोग भी इस दौरान ख़ौफज़़दा रहे।
आसमान से बरसती आग और तेज हवाओं की शह पाकर जंगल की आग कभी भी भड़क उठ रही है। मुख्यालय स्थित देवांगना घाटी के जंगल में आग ने फिर एक बार अपना विकराल रूप दिखाया है। घने जंगल के बीच सुलगती चिंगारियों ने देखते ही देखते दैत्याकार रूप धारण कर लिया और लगभग तीन से पांच किलोमीटर के परिक्षेत्र को अपनी आगोश में ले लिया।
इससे पहले देवांगना घाटी जंगल में मार्च के अंतिम सप्ताह में आग ने अपना तांडव दिखाया था। तीन दिन तक विकराल लपटों ने प्रशासन को भी हलकान कर दिया था, जिसपर प्रशासन को एयर फ़ोर्स का हेलीकॉप्टर बुलाना पड़ा था। हालांकि इस दौरान अग्निशमन और विभाग के अथक प्रयासों से आग पर काबू पा लिया गया था और हेलीकॉप्टर को वापस भेज दिया गया था।
बुन्देलखण्ड का हरा सोना कहे जाने वाले तेंदू पत्ता को जंगल की आग से भारी नुकसान पहुंच रहा है। पत्तों की तोड़ाई का समय भी आ गया है लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी की वजह से पत्ते अभी तोडऩे की स्थिति में पूरी तरह से नहीं आए हैं इसलिए कुछ दिनों बाद तोड़ाई चालू होगी। इसके इतर जंगल की आग में हजारों पेड़ झुलस गए हैं जिससे सरकार को भी लाखों करोड़ों का नुकसान हुआ है।
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