जून 2013 में पूरा हो गया है इस प्रयोगशाला का कार्यकाल
तिआनगोंग-1 नामक इस प्रयोगशाला का कार्यकाल जून, 2013 में ही पूरा हो गया था। चीन के सरकारी अखबार ने चाइना मैन स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस के हवाले से बताया है कि मार्च, 2016 से इस प्रयोगशाला से कोई डेटा नहीं मिला है। एक चीनी अंतरिक्ष विशेषज्ञ के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अब भी एकदम सटीक रूप से यह बता पाना संभव नहीं है कि यह धरती के किस हिस्से और जगह पर गिरेगा, लेकिन भारी तबाही की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सितंबर 2011 में किया गया था लांच
चीन ने तिआनगोंग-1 को सितंबर, 2011 को अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बैठाने के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत इसे लांच किया था। यह धरती से औसतन 216.2 किलो मीटर ऊपर की कक्षा में परिक्रमा कर रहा है। इस प्रयोगशाला की अवधि पहले दो साल की थी। इसे बाद में बढ़ा दिया गया था। इस दौरान इसके जरिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्पेस-अर्थ रिमोट सेंसिंग और अंतरिक्ष वातारण संबंधी परीक्षण किए गए।
2022 में स्पेस स्टेशन बैठाने की है चीन की योजना
चीन की यह प्रयोगशाला अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने संबंधी उसकी महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है। चीन 2022 तक अपने स्पेस स्टेशन को अंतिम रूप देने की योजना पर काम कर रहा है।