छिंदवाड़ा.कलेक्टर जेके जैन की शहडोल कमिश्नर के रूप में नई पोस्टिंग के बाद नए कलेक्टर की सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्य शासन द्वारा जिला पंचायत के सीईओ रोहित सिंह को प्रभारी कलेक्टर बना जरूर दिया गया है लेकिन देर सबेर इस महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद पर नियुक्ति होगी। एेसे में जिले का नया मुखिया कौन होगा,यह सवाल कलेक्ट्रेट समेत सरकारी कार्यालयों में मंगलवार को छाया रहा। अधिकारी-कर्मचारी राजधानी के संपर्क सूत्रों से इसकी टोह लेते रहे।
दो माह पहले कलेक्टर जैन का जब प्रमोशन हुआ था,तब से ही उनकी नई पदस्थापना को लेकर अटकलें लग रही थी। सोमवार को देर रात जारी प्रशासनिक अफसरों की ट्रांसफर सूची में उनका नाम आते ही प्रशासनिक गलियारों में बना असमंजस समाप्त हो गया लेकिन जिले में नई पोस्टिंग पर सवाल खड़ा हो गया। राजधानी से आ रही खबरों के मुताबिक सांसद कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद छिंदवाड़ा राजनीतिक दृष्टि से हाईप्रोफाइल जिला हो गया है। एेसे में विपक्ष बार-बार आंदोलनों के जरिए अपनी बातें मनवाने के लिए दबाव बनाएगा। इस स्थिति में शिवराज सरकार इस प्रशासनिक पद पर दबंग आईएएस को बैठाना चाहती है,इसलिए नई पोस्टिंग को होल्ड कर दिया गया है। राजधानी में नए कलेक्टर की तलाश की जा रही है। पहले बालाघाट और सिवनी के पूर्व कलेक्टर भरत यादव का नाम चर्चाओं में सबसे आगे था। अब दूसरे सीनियर अफसरों के विकल्प भी देखे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार जल्द इस पद पर नाम तय कर लेगी।
….
दो चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण पद
इस साल दिसम्बर में विधानसभा और अगले साल २०१९ की मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों को सफलता पूर्वक कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होती है। एेसे में यह नियुक्ति काफी सोच-विचार कर की जाएगी।
….
तब तत्कालीन कलेक्टर को हटाया गया था
कलेक्टर की पोस्टिंग के समय यह विवाद अक्सर चर्चा में आ जाता है कि वर्ष २०१४ के लोकसभा चुनाव के समय सांसद कमलनाथ की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने तत्कालीन कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी को हटा दिया था। उसके बाद चार माह के लिए नए कलेक्टर की पोस्टिंग हुई थी। फिर सरकार ने चौधरी को वापस कलेक्टरी सौंपी थी। पांच साल बाद फिर २०१९ में लोकसभा चुनाव होने हैं। दोबारा यह स्थिति न बने। यह भी एक मनोवैज्ञानिक दबाव होगा।