क्या है कंटूर ट्रेंच
पहाड़ी क्षेत्रों में कंटूर ट्रेंच का निर्माण कर जल और मिट्टी का संरक्षण किया जाता है। कंटूर ट्रेंच ढलान वाली पहाडिय़ों पर बनाए जाते हैं। 10 बाय 3 का गड्ढा बनाया जाता है। गड्ढे की गहराई तीन फीट होती है। गड्ढे से मिट्टी निकाल कर ढलान बनाया जाता है। इससे जल और मिट्टी का बहाव रुक जाता है। पहाड़ी की मिट्टी उपजाऊ बन जाती है। पहाडिय़ां पौधरोपण के लिए भी उपयोगी हो जाती हैं।
जलस्तर में वृद्धि
गांव में कंटूर ट्रेंच निर्माण कराया गया है, यह किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। पहले केवल धान की खेती करते थे। अब जलस्तर अच्छा होने से बोरवेल में पर्याप्त पानी रहता है। दूसरी फसल के रूप में गन्ने की खेती की जा रही है। जिससे आय में वृद्धि हो रही है।
-कैलाश मर्सकोले, कृषक
होने लगी आय
मेरे खेत के समीप पहाडिय़ों पर कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया गया है, इससे भू-जलस्तर काफी बढ़ गया है। मैंने भी खेत में बोरवेल का खनन कराया है। बोरवेल में अब अच्छा पानी है। भू-जल स्तर अच्छा होने से खेत में नंदन फलोद्यान और सब्जियां लगाई हंै, जिसका उत्पादन भी होने लगा है। अब मुझे आय भी प्राप्त हो रही है।
– प्रेमलाल झाड़े, कृषक
उम्मीद की नई किरण
कंटूर ट्रेंच प्रोजेक्ट ग्राम पंचायत के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है। ग्राम में पहली बार ऐसा हो रहा है कि औसत से कम वर्षा के बाद भी भूमिगत जल स्तर बढ़ा हुआ है। कुएं, तालाब और बोरवेल में भी भूमिगत जल स्तर बहुत अच्छा है। इससे ग्रामीणों को फायदा हो रहा है।
-सुनील ढोमने, रोजगार सहायक
अभी और निर्माण होंगे
गांव में कंटूर ट्रेंच निर्माण किए जाने से सबसे ज्यादा असर भू-जल स्तर पर पड़ा है। पानी का स्तर अधिक होने से अब किसानों द्वारा खेती की जा रही है। आगामी समय में और कंटूर ट्रेंच निर्माण कार्य कराए जाने की योजना तैयार की जा रही है, ताकि गांव में सभी मौसम में भू-जल स्तर अच्छा बना रहे।
-चंद्रशेखर मेश्राम, ग्राम प्रधान फुलचूर