जिसे अब लागू कर दिया गया है। करदाता को अपनी आयकर विवरणी दाखिल करने के पहले एआइएस और टीआइएस से मिलान करना जरूरी होगा। यदि वे बिना मिलान किए ही रिटर्न दाखिल करते हैं और उनके रिटर्न में चूक रह जाती है तो आयकर विभाग के नोटिस और लिटिगेशन की परेशानी से रू-ब-रू होना पड़ेगा।
ऐसे करें आय-व्यय की जांच
-करदाता को आयकर विभाग के पोर्टल पर अपने पासवर्ड से लॉगइन करना होगा।
-पोर्टल पर सर्विस हेड विकल्प में जाकर एआइएस को क्लिक करना होगा। इसके बाद यहां अलग से बनाया गया प्रोजेक्ट इंसाइट पोर्टल खुलेगा। इसमें एआइएस और टीआइएस के साथ करदाता का समस्त आय और व्यय का ब्यौरा देखा जा सकता है।
प्रतिदिन भेजा जाता है ब्यौरा
बैंक, रजिस्ट्रार कार्यालय और शेयर मार्केट का ब्यौरा रोजाना आयकर विभाग को भेजा जाता है। ऑनलाइन ट्रांसफर या सामान खरीद में लगने वाली रकम का ब्यौरा भी ग्राहक के आधार व पेन कार्ड से जुड़ जाता है। आयकर विभाग आधार और पेनकार्ड का डाटा बनाता है। इसके जरिए करदाताओं के आय-व्यय का पूरा हिसाब-किताब विभाग के पास मौजूद रहता है। पूर्व में इसे रिटर्न दाखिल करते समय करदाताओं के आय-व्यय का हिसाब ऑनलाइन उपलब्ध नहीं था, पर अब इसे लागू कर दिया गया है। रिटर्न दाखिल करने से पहले करदाता इसे चेक कर सकते हैं।
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नए सिस्टम में ये रहेगा मौजूद
नए सिस्टम से करतादातों के शेयर म्युचुअल फंड, डिविडेंड, बैंक एफडी बचत खाता से मिलने वाला ब्याज, पोस्ट ऑफिस आदि से होने वाली आय एचआरए संपत्ति, वाहन खरीदने की जानकारी, विदेश यात्रा, क्रेडिट कार्ड से भुगतान आदि सहित 50 प्रकार के ब्यौरे मौजूद रहेंगे।
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वित्तीय वर्ष 2020-21 के रिटर्न की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 है। हर करदाता के लिए एआइएस और टीआइएस प्रोजेक्ट इंसाइड पोर्टल पर मौजूद है। करदाता को अपनी आयकर विवरणी दाखिल करने से पहले इन दोनों से मिलान अवश्य करना चाहिए। पूर्व में फॉर्म 26 एएस करदाता का एक्सरे था तो एआइएस और टीआइएस करदाता के वित्तीय आय-व्यय ब्यौरे के सिटी स्कैन हैं।
-राजीव सिंह, सीए