स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था उल्लेखनीय है कि चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वस्थ पोषित, मनो-सामाजिक और भावनात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शिक्षा दी जाएगी। उन्हें अनुकूल वातावरण में देखरेख, स्वास्थ्य, पोषण, खेलकूद और प्रारम्भिक शिक्षा गतिविधियां मिल सकें, इसके लिए निश्चित अवधि में नियमित कार्यक्रम होंगे। आयु के अनुसार वार्षिक पाठ्यक्रम, शिशु विकास कार्ड, प्री-प्राइमरी से प्राइमरी शिक्षा में प्रवेश कार्ड, सुरक्षित व पर्याप्त स्थान, स्वच्छ व साफ-सुथरा परिवेश, स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था भी की गई है।
प्रत्येक विकासखंड में एक आंगनबाड़ी केंद्र
प्रत्येक विकासखंड में एक आंगनबाड़ी केंद्र
महिला बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना तिवारी रिछारिया ने बताया कि जिले के हर विकासखंड से एक आंगनबाड़ी केंद्र को चुना गया है। अमरवाड़ा विकासखंड के आंगनबाड़ी केंद्र हिवरासानी, चौरई के आंगनबाड़ी केंद्र तुंगसी, जामई के आंगनबाड़ी केंद्र घोड़ावाड़ीखुर्द झरना, छिंदवाड़ा के आंगनबाड़ी केंद्र खजरी, तामिया के आंगनबाड़ी केंद्र मरकाढ़ाना, परासिया के आंगनबाड़ी केंद्र खेडूढाना, पांढुर्ना के आंगनबाड़ी केंद्र लेंडोरी, बिछुआ के आंगनबाड़ी केंद्र गोनी, सौंसर के आंगनबाड़ी केंद्र सावंगा, मोहखेड़ के आंगनबाड़ी केंद्र इकलबिहरी और हर्रई के आंगनबाड़ी केंद्र हड़ाई का चयन कर मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।