सफल हुआ ट्रॉयल रन, बेसिन में भर रहा पानी
सीवरेज कंपनी के कार्यों का सुपरविजन कर रहे इंजीनियर राहुल ताम्रकार ने बताया कि ट्रायल रन में किसी प्रकार की समस्या नहीं आई। 28 एमएलडी के 4 बेसिन हैं, जिन्हें आने वाले 15 साल के लिए डिजाइन किया गया है। फिलहाल इन बेसिन में 10-12 एमएलडी पानी करीब 4 से 5 दिन में भर रहा है। बीच-बीच में इस पानी को ट्रीट करके सर्रा के खेतों से सटे नाले में छोड़ा जा रहा है, जहां से किसान अपने मोटर लगाकर पानी लेकर खेतों में सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन-चार माह ठोस अपशिष्ट निकलने की संभावना भी नही है। बाग बगीचा सींचने एवं फायर फाइटिंग में भी पानी भरने की योजना साथ ही साथ तैयार हो रही है। प्लांट ऑटोमिशन में चल रहा है। कंप्यूटर से आपरेट है। पंपिंग स्टेशन में भी एकत्र पानी कभी एक, तो कभी दो पंपों से प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है। यहां छह पंप लगे हैं। फिलहाल मेंटेनेंस शुरू होने तक बिजली बिल चुकाने की जबावदेही ठेकेदार की होगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का ट्रायल रन सफल हो चुका है। बारिश के पानी के अलावा घर के रसोई, बाथरूम, एवं शौचालय के पानी से जुड़े आउटलेट को सीवर चेंबर से जोड़ा गया है। किसी प्रकार की समस्या सामने नहीं आई। ट्रॉयल रन के 3-4 माह तक कार्य को पूरा करने का नियम है। इसलिए आगे समय नहीं बढ़ाया गया है। निकलने वाले पानी के दोबारा इस्तेमाल के लिए किसानों से संपर्क किया जा चुका है।
ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री निगम
ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री निगम