छिंदवाड़ा. जम्मू कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए छिंदवाड़ा जिले के वीर सपूत सीआरपीएफ के जवान कबीर दास उइके का पार्थिव शरीर विशेष वाहन से उनके पैतृक ग्राम पुलपुलडोह तहसील बिछुआ लाया गया।
शहीद के निज निवास में गार्ड ऑफ ऑनर देने के उपरांत राजकीय सम्मान से शहीद को अंतिम विदाई दी गई। मंगलवार की रात कठुआ में आतंकी मुठभेड़ में गोली लगने से वे घायल हो गए उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उनका दम टूट गया।
शहीद कबीर दास की पार्थिव देह जैसे ही तिरंगे में लिपटी उनके पैतृक गांव पुलपुलडोह पहुंची तो हर किसी आंखें नम हो गईं। परिजन पार्थिव देह देख बिलख पड़े। जैसे ही बेटे का शव घर पहुंचा मां की चीखें लगना शुरू हो गईं। पूरे गांव में मातम सा पसरा हुआ है।
कबीर अपने परिवार का इकलौता सहारा थे। ग्रामीणों ने बताया कि कबीर दास उइके की 4 साल पहले ही शादी हुई थी। आज पत्नी व पूरा परिवार बिलख-बिलख का रो रहा था।
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। आदिवासी समाज के रीति रिवाजों के तहत बाद शहीद कबीरदास की पार्थिव देह को गांव में स्थित उनके मकान के पीछे के खेत में दफनाया गया है। जहां उनका स्मारक बनाया जाएगा।
शहीद कबीर दास को अंतिम विदाई देने के लिए छिंदवाड़ा के सांसद विवेक बंटी साहू और मध्यप्रदेश सरकार की मंत्री संपतिया उइके भी पहुंची।
शहीद की अंतिम यात्रा में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी, आईजीपी श्री गुर शक्ति सिंह लोधी, डीआईजी नीतू भट्टाचार्य व पीआर जामभोलकर, कमांडेंट, जीडी पंडरीनाथ व डीसी श्री राम संजीवन सिंह, एसडीएम चौरई प्रभात मिश्रा व एसडीओपी चौरई सहित पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी व ग्रामवासी मौजूद रहे।
आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कबीर दास कुछ दिनों पहले ही गांव से छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने परिवार से इस बार जल्दी घर आने का वादा किया था। इससे पहले ही कबीर शहीद हो गए।