छिंदवाड़ा

गोटमार मेला: खूनी खेल से पहले हथियारों पर प्रतिबंध, धारा 144 लागू

यहां हर साल होता है खूनी खेल, दो गांव के लोग करते हैं आपस में पथराव, अब तक 16 लोगों की जान भी जा चुकी है…।

छिंदवाड़ाAug 26, 2022 / 07:02 pm

Manish Gite

छिंदवाड़ा। कलेक्टर ने मप्र मानव अधिकार आयोग की अनुशंसाओं के पालन के साथ ही पांढुर्ना में गोटमार मेले के दौरान शांति व मानव जीवन की सुरक्षा बनाए रखने धारा 144 के प्रावधान लागू कर दिए। पांढुर्ना नगर में 26 अगस्त की सुबह आठ से 28 अगस्त को सुबह आठ बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेंगे।

नगरपालिका पांढुर्ना एवं गोटमार मेला क्षेत्र पांढुर्ना में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के घातक हथियार जैसे चाकू, लोहे की छड़ी, लाठी, तलवार, भाला, बरछी, फरसा, गंडासा व आग्नेय शस्त्रों, पत्थर, गोफन को लेकर चलना, उनका गोटमार के लिए उपयोग करना और सार्वजनिक प्रदर्शन करना प्रतिबंधित रहेगा।

 

 

यह भी पढ़ेंः प्यार की वो कहानी जिसके कारण आज भी होता है खूनी खेल, बन जाते हैं युद्ध जैसे हालात

ग्राम सांवरगांव और पांढुर्ना के बीच स्थित मेला स्थल के पहुंच मार्ग, गुजरी चौक से हनुमंती वार्ड और ग्राम बम्हनी की ओर जाने वाले मार्ग पर मार्ग के दोनों ओर अस्थाई दुकानें लगाई नहीं जा सकेंगी।

यह आदेश शासकीय/ अर्द्धशासकीय निकायों के सुरक्षा कर्मियों, पुलिस कर्मियों, विशेष पुलिस कर्मियों एवं ऐसे शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। कलेक्टर ने इसके साथ ही अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपे हैं। स्वास्थ्य टीम आवश्यक औषधि, पर्याप्त चिकित्सक व समुचित चिकित्सा व्यवस्था के साथ 10 एम्बुलेंस और नियत तिथि को स्थल पर चिकित्सालय और अन्य सीएचसी संस्थाओं के चिकित्सकों की पांच टीम बनाकर आवश्यक एम्बुलेंस, औषधि व उपकरण समेत तैयार रहेगी।

खूनी खेल को रोकने के प्रयास सफल नहीं हुए

खूनी खेल को रोकने के लिए कई जिला कलेक्टरों ने प्रयास भी किए। वर्ष 1998 में तत्कालीन कलेक्टर मलय श्रीवास्तव ने गोटमार स्थल पर रबर की गेंदें डाली थीं, लेकिन लोग गेंद अपने घर ले गए और पत्थरों से ही गोटमार खेली। वर्ष 2008 में कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने स्वरूप बदलने के लिए खेल स्थल पर सांस्कृतिक आयोजन कराया, लेकिन भीड़ ने आक्रोशित होकर पुलिस और प्रशासन पर ही पथराव कर दिया था। गोटमार स्थल से अधिकारियों को भागना पड़ा था।

 

अब तक 16 लोगों की हो चुकी है मौत

इस खूनी खेल में अब तक 16 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। आज भी गोटमार का खेल नजदीक आते ही मृतकों के परिवार वाले सिहर उठते हैं। इसी तरह गोटमार खेलने वालों के परिवारों की जान सांसत में बनी रहती है।

Hindi News / Chhindwara / गोटमार मेला: खूनी खेल से पहले हथियारों पर प्रतिबंध, धारा 144 लागू

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.