छिंदवाड़ा

School in a bad state… चार माह के लिए छह कमरों में लग जाता है ताला, वजह हैरान कर देगी

Umariya school

छिंदवाड़ाJul 26, 2024 / 10:44 am

prabha shankar

सामाजिक वानिकी भवन के पांच फीट चौड़े बरामदें में लग रही कक्षाएं। यहां डेस्क रखने के बाद शिक्षक भी बमुश्किल निकल पाते हैं।

विकासखंड छिंदवाड़ा में ही ऐसे जर्जर स्कूल भवन मौजूद हैं, जहां बारिश के दिनों में खुद प्रबंधन विद्यार्थियों को बैठाने से बचते हैं। भले ही इसके लिए विद्यार्थियों को एक साथ ही क्यों न बैठाना पड़े। या फिर जहां से लोगों का आवागमन होता है, वहीं बैठाकर अध्यापन क्यों न करवाना पड़े। ऐसा ही एक स्कूल है छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर उमरिया ईसरा में। कक्षा नौ से कक्षा 12 तक संचालित इस स्कूल का भवन जर्जर एवं कबेलू वाला है, जिसकी छत से बारिश के दौरान लगातार पानी टपकता ही रहता है। इसके छह कमरों में छह माह तो स्कूल लगाया जाता है, लेकिन मानसून के चार माह के लिए इन कमरों को बंद कर दिया जाता है।

पहले प्राइमरी, मिडिल स्कूल था संचालित

उमरिया ईसरा में उन कमरों में पहले प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल संचालित थे, बाद में सर्व शिक्षा अभियान के फंड से कुछ दूर पर पक्का भवन बनाकर प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल शिफ्ट कर दिए गए। इसके बाद कक्षा नौ एवं 10 की कक्षाएं यहां लगने लगीं। वहीं वर्ष 2017 से हायर सेकंडरी खुलने के बाद 11 वीं एवं 12 वीं की कक्षाएं भी यहीं संचालित होने लगीं।

तारनहार बने सामाजिक वानिकी के बनवाए दो कमरे


वैसे तो विद्यालय के पास कबेलू, एस्बेस्टस सीट से बने छह कमरे ही हैं, लेकिन साल 1995-96 में वन विभाग के सामाजिक वानिकी के फंड से दो पक्के कमरे बनवाए गए। बारिश के दौरान विद्यार्थियों को इन्हीं कमरों के दो बरामदों में बैठाकर पढ़ाई करवाई जाती है। प्राचार्य एवं स्टाफ रूम एक ही कमरे में पर्दा लगाकर बनाया गया है। हालांकि विद्यालय प्रबंधन की मानें तो लगातार बारिश से उन दो पक्के कमरों में भी पानी रिसने लगता है।
विद्यालय में कक्षा नौ से 12 वीं तक के बच्चे पढ़ रहे हैं। कक्षा 9 एवं 10 के अलावा कक्षा 11 एवं 12 वीं के आर्ट एवं बायो के बच्चों को अलग-अलग बैठाकर पढ़ाने की जरूरत है, लेकिन बारिश में स्थिति अच्छी नहीं रहती। कबेलू वाले भवनों में बारिश के दौरान दुर्घटना की आशंका के कारण इन्हें एक साथ बैठाना पड़ता है। कई बार जिला शिक्षा विभाग को भवन के लिए आवेदन दिया जा चुका है। 2001 से हाईस्कूल संचालित है। ग्राम पंचायत की भूमि की प्रक्रिया हो चुकी है, परंतु आज तक भवन निर्माण नहीं हुआ। अब ग्रामवासी प्लास्टिक सीट लगाने के लिए राशि एकत्र कर रहे हैं।
अरुण गुप्ता, प्राचार्य हायर सेकंडरी स्कूल उमरिया ईसरा

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