पांढुर्ना . कई निर्देशों के बावजूद भी मंडी के बाहर व्यापारियों द्वारा खुलेआम सडक़ों पर गेहूं की खरीदी कर तुलाई करने के मामले में कृषि उपज मंडी के सचिव को एसडीएम की फटकार सुननी पड़ी। मंगलवार को आयोजित समय सीमा की बैठक में एसडीएम ने पूर्व में दिए गये निर्देर्शों का हवाला देते हुए फिर से सडक़ों पर व्यापारियों की मनमानी का उल्लेख करते हुए मंडी समिति की निष्क्रियता पर खेद व्यक्त किया और नाराजगी भी जाहिर की। इसी तरह खरीफ की तैयारी में जुटे किसानों को किसी भी हाल हालत में नुकसान न इसके लिए एसडीएम ने कृषि विभाग को कृषि केद्रों का निरीक्षण करने के लिए कहा था परंतु रविवार को एसडीएम ने किए औचक निरीक्षण में विभाग के अधिकारियों ने कृषि केन्द्रो के स्टॉक वेरीफिकेशन नहीं करने की बात उजागर होने के बाद वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को भी डांट खानी पड़ी। 15-15 दिनों में स्टॉक रजिस्टर की जांच करने के लिए कहा है। मंगलवार की बैठक सभी विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। एसडीएम दीपक वैद्य ने जनजातिय कार्यविभाग के निर्देशानुसार अनुभाग की जानकारी प्राप्त कर वनाधिकार के अनुसूचित जनजाति वर्ग के दावाकर्ता व्यक्तियों को चिह्नित कर जानकारी तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिये गये कि वे तत्काल हितग्राहियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करें। इसी तरह कलेक्टर के निर्देशानुसार वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत निरस्त दावों के पुन: निरिक्षण के लिए तैयार किये जा रहे बेस बेस्ड एफ आर ए मॉड्युल वनमित्र सॉफ्टवेयर के प्रषिक्षण के संबंध में दिये गये निर्देषों का पालन करने के लिए कहा। वाटर हार्वेस्टिंग का किया जाएगा निर्माण: बैठक में जबलपुर से पहुंचे एनजीओ के सदस्य आदित्य नामदेव ने सभी विभाग प्रमुखों को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने की जानकारी दी। उक्त सिस्टम तैयार करवाने के लिए सभी अधिकारियों ने हामी भरी है। इस संस्था की मदद से पूरे शहर में बारिश का पानी बचाने के लिए तैयारी की जा रही हैं। इसकी शुरुुआत नपा के कॉम्पलेक्सों और सरकारी भवनों से हो रही है।