छिंदवाड़ा. कहते हैं संगीत देश की सरहदों को तोड़कर अपने सुर से लोगों के दिलों को जोड़ता है। बुधवार की शाम शहरवासियों ने यह देखा और महसूस भी किया। मंच पर बैठे लगभग 40 कलाकार, सभी अलग-अलग देशों के, उनके हाथों में भारतीय वाद्य और लगभग दो घंटे की लगातार प्रस्तुति वो भी संस्कृत, हिंदी और मराठी भाषा में।इसे भी पढ़ें… सड़कों पर जमकर थिरके विदेशी कलाकार… पश्चिम और पूर्व संगीत के माध्यम से अभूतपूर्व मिलन यहां बैठे दर्शकों को अभिभूत कर गया। मौका था सहजयोग आश्रम के नववर्ष के उपलक्ष्य में मनाए गए विशेष संगीत कार्यक्रम का। आस्ट्रेलियन बैंड के सदस्य विशेष रूप से अपने म्यूजिक ऑफ जाय कार्यक्रम को लेकर शहरवासियों के सामने रूबरू हुए। इसे भी पढ़ें…मकर संक्रांति बढ़ाएगी परस्पर प्रेम, जानें वजह दशहरा मैदान में बड़ी संख्या में आए सहजयोगियों ओर शहर के लोगों ने पश्चिमी स्वरों में गूंजे भारतीय रागों का भरपूर आनंद उठाया। भारतीय और पश्चिमी संगीत की मिली जुली प्रस्तुतियों से इस दल ने लगभग दो घंटे तक यहां सुनने आए लोगों को बांधे रखा। कार्यक्रम में विधायक चौधरी चंद्रभान सिंह, महापौर कांता सदारंग, कन्हईराम रघुवंशी सहित अन्य शहरों से आए सहजयोगी मौजूद थे। इसे भी पढ़ें.. विदेशी कलाकारों ने संगीत के जरिए दिया आत्मिक शांति का संदेश इसे भी पढ़ें.. .11 देशों के 85 कलाकार आज संस्कृत में गाएंगे भजन बैड को संचालित करने वाले मुख्य जान इस्माली ने बताया कि वे 80 के दशक में श्रीमाताजी से जुड़े थे। उसके बाद उनके सानिध्य में रहकर और सहयोग से उनका जीवन बदला और अन्य लोगों से संपर्क में आने का मौका मिला। उनकी प्रेरणा से ही कई देशों के सहजयोगियों के साथ मिलकर भक्ति संगीत के जरिए उनके बताए मार्ग पर चलकर दूसरों को भी सहज योग से जोडऩे का यह कार्यक्रम एक जरिया बना। उनके बैंड में आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, इटली, ईरान, ब्रिटेन, रोमालिया आदि देशों के सदस्य शामिल हैं। इसे भी पढ़ें.. आस्ट्रेलियन बैंड के कलाकार संगीत से करेंगे ध्यान, 11 देशों के जुटेंगे सहजयोगी संस्कृत में की गणेश वंदना हारमोनियम, तबला, मेंडोलियम, झांझ मेंडोलियन के साथ समवेत स्वर में जब इन विदेशी सहजयोगियों ने संस्कृत में गणेश अथर्वशीर्ष के श्लोकों के साथ सुर छेड़े तो श्रोता आश्चर्यचकित रह गए। स्पष्ट उच्चारण के साथ कंठस्थ यह वंदना उन्होंने लगभग सात मिनिट तक प्रस्तुत की। इसके बाद उन्होंने मराठी में नमोस्तुते निर्मला देवी गाया। भगवान गणेश को नमन करते हुए उन्होंने उनके 12 नामों की माला प्रस्तुत की। आस्ट्रेलिया के फोक गीत के साथ चीनी सदस्यों ने श्रीमाताजी की प्ररेणा से वहां की भाषा में एक गीत प्रस्तुत किया। आस्ट्रेलियन वाद्य डिजे रेडू बना आकर्षण बैंड में आस्ट्रेलियेलियन वाद्य डिजे रेडू को भी शामिल किया गया था। यह वहां के लोक संगीत में प्रमुख वाद्य माना जाता है। अपनी विशिष्ट आवाज को लिए इस वाद्य को अलग-अलग तरीके से फूंक मारकर बजाया जाता है। इसको बजाने वाले कलाकार से भी सबका परिचय कराया गया।