पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण देवगढ़ में बन रहे होम स्टे इस माह पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। तीन होम स्टे का निर्माण पूरा होने पर है। इससे पर्यटकों का देवगढ़ घूमना और प्रकृति के बीच रात रुकना आसान हो जाएगा।
देवगढ़ में जंगल-पहाड़-नदी के साथ ही गोंड शासन काल का आलीशान किला भी है। साथ ही सदियों पुरानी बावड़ियां भी देखने योग्य हैं। देवगढ़ के पास अद्भुत लिलाही जलप्रपात भी है। अभी तक पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था नहीं होने के कारण पर्यटकों को देवगढ़ से लौटना पड़ता था। इसे देखते हुए टूरिज्म बोर्ड ने आठ होम स्टे को मंजूरी दी है। इनमें से तीन का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रशासन मान रहा है कि गांव में पर्यटकों के रुकने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत का कहना है कि देवगढ़ में आठ होम स्टे का जुलाई माह में भूमिपूजन किया गया था। इसमें से तीन होम स्टे एक सप्ताह के अंदर पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे। इसके बाद शेष होम स्टे का काम पूरा कराया जाएगा। इस होम स्टे में पर्यटकों को चाय,नाश्ता, भोजन की सुविधा भी मिल जाएगी।
सावरपानी में होम स्टे को रिस्पांस, पर्यटक देख रहे अनहोनी कुण्ड
तामिया विकासखण्ड के ग्राम सावरवानी तालढाना में बनाए गए होम स्टे को पिछले वर्ष पर्यटकों के लिए खोल दिया था। अब तक 50 से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच चुके हैं। पर्यटक यहां से अनहोनी गर्म कुंड, अनहोनी मेला, सप्तधारा, चावलपानी के निकट स्थित खारा पानी, दैविक कुंड, मां विज्यासन मंदिर (सालए माता), घोघरा वाटरफाल, तामिया, पातालकोट, मौनीबाबा की पहाड़ी के साथ झिंगरिया वाटरफाल देखने पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें आदिवासी संस्कृति से परिचित होने का अवसर भी मिल रहा है।