आतंकियों के टारगेट पर
संघ बिल्डिंग अति संवेदनशील स्थान होने के कारण यहां वैसे भी सुरक्षा व्यवस्था रहती थी। फिदाइन हमला होने के बाद से यहां 24 घंटे 200 के करीब पुलिसकर्मी तैनात रहते थे। आतंकियों के टारगेट पर होने के कारण यहां सीआईएसएफ को तैनात कर दिया गया। अब संघ बिल्डिंग के भीतर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ की है जबकि बाहर का सुरक्षा घेरा शहर पुलिस के जिम्मे है। ऐसा होते हुए भी एक व्यक्ति हाथ में मिट्टीतेल की डबकी (कुप्पी) लेकर संघ बिल्डिंग पहुंच गया।
उसकी उम्र करीब ३६ वर्ष बताई गई। वह गेट के भीतर जा ही रहा था कि सीआईएसएफ जवान ने रोक लिया। भीतर जाने का कारण पूछने पर वह कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाया। हाथ में मिट्टीतेल की डबकी (कुप्पी) देख सुरक्षाकर्मी सतर्क हो गए। उसे बाहर ही रोककर कोतवाली पुलिस को जानकारी दी गई। कोतवाली थाने का स्टाफ वहां पहुंचा। उसे थाने ले जाकर घंटों तक पूछताछ की गई। वह खुदको परेशान बता रहा था। वह किस वजह से परेशान था और संघ बिल्डिंग में राकेल लेकर क्यूं जा रहा था यह पता नहीं चल पाया है। बात आला अधिकारियों के कानों तक जाते ही संघ बिल्डिंग में पुलिस की चहल-पहल बढ़ गई।