मेंटेनेंस का न होना बना कारण
रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि नैरोगेज के समय पीट लाइन(मेंटनेंस) की व्यवस्था थी जो अब खत्म हो गई है। छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन में मेंटनेंस की व्यवस्था न होने से ट्रेन को निरस्त किया गया। अगर जल्द ही व्यवस्था नहीं बनाई गई तो आगामी दिनों में भी ऐसी स्थिति बनी रहेगी। पीट लाइन को लेकर मजदूर कांग्रेस यूनियन मांग भी उठाती रही है।
बुधवार को पेंचवैली फास्ट पैसेंजर इटारसी से छिंदवाड़ा आई। वहीं दिन में इस रैक को भंडारकुंड से बैतूल और फिर बैतूल से छिंदवाड़ा तक भी चलाया गया। विभाग ने पैसेंजर ट्रेन को छिंदवाड़ा में मेंटेनेंस न होने का हवाला देते हुए इसे वापस वेस्टर्न रेलवे को भेजने का आदेश जारी किया है।
पेंचवैली फास्ट पैसेंजर में तीन स्लीपर एवं एक एसी कोच लगे रहते हंै। इसके अलावा सामान्य श्रेणी कोच रहते हैं। सभी यात्रियों को बुधवार देर रात टिकट कैंसिल कराने पर पूरा रिफंड किया गया।
पेंचवैली फास्ट पैसेंजर के रद्द होने के चलते अब छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में सफर करने वाले छिंदवाड़ा के यात्रियों की भी मुश्किल बढ़ गई है। बता दें कि पेंचवैली फास्ट पैसेंजर में एक स्लीपर कोच छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के लिए आरक्षित है। छिंदवाड़ा से यात्रियों को पेंचवैली पैसेंजर से आमला तक ले जाया जाता है। जहां स्लीपर कोच छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से जुड़ जाती है। वहीं वापसी में भी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में लगी बोगी आमला में अलग हो जाती है। जो इंदौर से आने वाली पेंचवैली पैसेंजर से जुडक़र छिंदवाड़ा आती है। पेंचवैली के रद्द होने से अब आरक्षित कोच नहीं जाएंगे। वहीं छिंदवाड़ा से गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) तक सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। पेंचवैली फास्ट पैसेंजर के एक अक्टूबर तक रद्द होने से अब दोनों कोच नहीं जाएंगे। किसी ने बस तो किसी ने स्टेशन को बनाया ठिकाना ट्रेन रद्द होने की जानकारी पर यात्रियों के पास एक मात्र वैकल्पिक साधन बस रहा। वहीं कुछ यात्री ने रात होने पर स्टेशन पर ही रुक गए। यात्रियों का कहना था कि इतनी रात में अब उनके पास कोई अन्य साधन नहीं था।
(इंदौर से भंडारकुंड) 26 सितम्बर से दो अक्टूबर तक, (भंडारकुंड से बैतूल) 27 सितम्बर से तीन अक्टूबर तक, (बैतूल से छिंदवाड़ा) 27 सितम्बर से तीन अक्टूबर तक, (छिंदवाड़ा से इंदौर) 26 सितम्बर से एक अक्टूबर तक रद्द रहेंगी।