छिंदवाड़ा

Public Issue: तहसीलदार ने हटाई सील, फिर भी नहीं खुल रही राशन दुकान

– महीने भर से वार्ड 29 की राशन दुकान बंद

छिंदवाड़ाMay 25, 2024 / 04:22 pm

prabha shankar

बंद राशन दुकान

वार्ड नं.29 की मृगनयनी सहकारी समिति की राशन दुकान की सील तहसीलदार ने हटा ली है। इसके बाद भी इस दुकान को नहीं खोला जा रहा है। पार्षद और सभापति राहुल मालवीय ने इसकी शिकायत करते हुए दुकानदार और जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की सांठ-गांठ का आरोप लगाया है।
पार्षद मालवीय ने बताया कि कई वर्षों पहले केरोसिन के मामले में लोकायुक्त ने 94 हजार रुपए की रिकवरी दुकानदार पर निकाली थी। राशि जमा नहीं करने पर तहसीलदार ने इस दुकान को सील कर दिया। तहसीलदार और एसडीएम से निरंतर बात करने और कुछ राशि जमा करने पर राशन दुकान की सील तो हटा दी गई, उसके बाद भी संचालक राशन दुकान नहीं खोल रहा है। जनता को इस भीषण गर्मी में अन्न की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। मालवीय ने आरोप लगाया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी इस पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग कलेक्टर से की गई है।

20 हजार जमा करने पर हटाई सील

छिंदवाड़ा तहसीलदार धर्मेन्द्र चौकसे का कहना है कि राशन दुकानदार ने बकाया राशि में से 20 हजार रुपए जमा कराए थे और शेष राशि किस्त में देने की बात कही है। इस पर उन्होंने अपनी सील हटा ली है। अब दुकानदार अपनी दुकान खोल सकता है। इधर, सहायक आपूर्ति अधिकारी अंजू मरावी के अनुसार दुकानदार से दुकान खोलने कहा जा रहा है।

कंपनियों को देना होगा गुणवत्तायुक्त मक्का और कपास बीज

उपसंचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को मक्का एवं कपास कंपनियों के जिला प्रबंधकों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले में 3.56 लाख हेक्टेयर में मक्का फसल लगाई जाती है। जिले में 40 से अधिक कंपनियां निजी विक्रेताओं के माध्यम से लगभग 6000 मीट्रिक टन मक्का बीज विक्रय करती हैं। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्तमान तक जिले में 5500 मीट्रिक टन मक्का बीज एवं 1.50 लाख से अधिक पैकेट कपास बीज भंडारित कर चुकी है। इस प्रकार मक्का एवं कपास फसलों के बीजों का जिले में पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों को विक्रय प्रारंभ है। उप संचालक कृषि ने सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज का ही विक्रय करने एवं केवल लाइसेंसधारी विक्रेताओं को ही बीज देने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि यदि बीज के गुणवत्ता में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है, तो कंपनियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से कहा कि भूमि के प्रकार के अनुसार किस्मों का चयन कर विभिन्न कम्पनियों के 3 से 4 किस्मों का उपयोग करें, जिससे विविधता बनी रहेगी। कीट एवं रोग का प्रकोप कम होगा। प्रतिकूल मौसम में भी उत्पादन प्राप्त हो सकेगा।

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