छिंदवाड़ा

विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा बना पेंच नेशनल पार्क

-बाघ के दीदार के लिए बन रहा डेस्टिनेशन, एक साल में आए 1877 सैलानी, 10.90 लाख की आय

छिंदवाड़ाNov 30, 2024 / 05:30 pm

manohar soni

Tiger reached Telangana from Maharashtra

छिंदवाड़ा. पेंच नेशनल पार्क बाघ के दीदार के लिए विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा बन रहा है। इस पार्क के सिवनी के प्रवेश द्वार और छिंदवाड़ा के जमतरा गेट से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।
एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक की बात करें तो कुल 1877 देशी पर्यटकों ने पेंच पार्क का भ्रमण किया है। विदेशी पर्यटकों की संख्या 73 रही। इस साल अकेले जमतरा गेट से पेंच पार्क प्रबंधन के 10.90 लाख रुपए की आय हुई है. सिवनी जिले के टुरिया और कर्माझिरी गेट के अलावा छिंदवाड़ा जिले के जमतरा गेट से पर्यटक को पार्क की सैर कराई जाती है।
पेंच नेशनल पार्क के उपसंचालक रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच नेशनल पार्क में वर्ष 2022 को हुई गणना में बाघों की संख्या 123 आई है। वन्य प्राणियों के अनुकूल मौसम और वन्य प्राणी संरक्षण के लिए लोगों में जागरुकता भी इसकी वजह है।
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292 वर्ग किमी में पार्क, 250 प्रजाति के हिमालयीन पक्षी

सिवनी और छिन्दवाड़ा जिले की सीमाओं पर 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण पेंच नदी के नाम पर हुआ है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान को 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। पार्क में हिमालयी प्रदेशों के लगभग 250 प्रजातियों के पक्षी आते हैं। अनेक दुर्लभ जीवों और सुविधाओं वाला पेंच नेशनल पार्क तेजी से पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है।
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टुरिया गेट में बनाया गया इंटरप्रिटेशन सेंटर
यह सेंटर सभी उम्र के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां पर पर्यटकों को जंगलों को लेकर बहुत सी नई बातें विस्तार से जानने का मौका मिलता है। इस सेंटर में वन्य प्राणियों के स्टेच्यू बनाए गए है। आमतौर पर पर्यटक वन्य प्राणियों को दूर से देखते हैं। नजदीक से देखने में वे कैसे होते हैं. बाघ, तेंदुए व वन्य प्राणियों के शिकार करने के तरीके में क्या अंतर है. गौर या सांभर जैसे विशालकाय जानवर पास से कैसे दिखते हैं, पर्यटक इस सेंटर में बेहतर तरीके से जान पाते है।
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पेंच टाइगर रिजर्व में एक दशक में दोगुने बाघ

साल 2010 में जहां पेंच पार्क में बाघों की संख्या सिर्फ 65 थी वहीं पिछली गणना वर्ष 2022 के समय यह संख्या बढकऱ 123 के आसपास हो गई है। पिछले 12 सालों में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है। अब 2026 में गिनती होगी, अधिकारियों की माने तो बाघों की संख्या और बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों में लगातार बाघों के मूवमेंट के बाद यह तो तय है कि यह आंकड़ा आने वाली गणना में बढ़ जाएगा।

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