छिंदवाड़ा

Navratri Special : कुएं से प्रकट हुईं मां षष्ठी का सिद्ध पीठ धाम है यह मंदिर

नवरात्र महोत्सव : जगमगा रहे हैं 1401 मनोकामना कलश

छिंदवाड़ाOct 07, 2019 / 12:03 pm

Rajendra Sharma

This temple is the Siddh Peeth Dham of Maa Shashthi

छिंदवाड़ा/ भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में नवरात्र पर्व बड़े ही धूमधाम और आस्था से मनाया जाता है। भक्तगण अपनी मनोकामनाओं को लेकर माता के मंदिरों में जाकर देवी मां के दर्शन कर वैभव सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। नवरात्र के पावन अवसर पर मनोकामना कलश भी स्थापित कराते हैं।
चौरई क्षेत्र के ग्राम कपुर्दा में माता षष्ठी का सिद्धपीठ धाम है, जहां नवरात्र के अलावा भी वर्ष भर बड़ी संख्या में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।
यहां की मान्यता है कि मां षष्ठी के दर्शन मात्र से ही लोगों की समस्याएं दूर हो जाती हैं और माता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति भी होती है। यहां संतान प्राप्ति के आशीर्वाद के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। इस मंदिर की विशेषता यह भी है कि यहां छटवाई माता के सामने पुराने कपड़े उतारकर फेंकने से बुरी नजर का दोष, शारीरिक पीड़ा और कई तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
यह सिद्धपीठ धाम छिंदवाड़ा जिले के चौरई के पास कपुर्दा गांव में स्थित है। षष्ठी देवी को मां कात्यायिनी माता का रूप माना जाता है, जिनकी पूजा नवरात्र के छठवें दिन की जाती है। इस मंदिर में आकर भक्तगण अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने की और सूनी गोद को भरने की मन्नत मांगते हैं। भक्तों पर मां की कृपा होती है और उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिल जाता है।
कुएं का पानी महत्वपूर्ण

मंदिर के पुजारियों और बुजुर्गों के अनुसार मां षष्ठी की प्रतिमा गांव के ही श्रीवास्तव परिवार के सदस्य को अपने खेत में कुएं की खुदाई के दौरान मिली थीं। इसके बाद माता की स्थापना की गई। माना जाता है उस कुएं का पानी पीने से भी मुरादें पूरी होती हैं। पुराने कपड़े उतारने के बाद बच्चों को इसी कुएं के पानी से नहलाने का चलन है।
जगमगा रहे हैं ज्योति कलश

मां षष्ठी के सिद्धपीठ धाम कपुर्दा में शारदेय और चैत्र नवरात्र में भक्तों द्वारा मनोकामना कलश स्थापित कराए जाते हैं। इस वर्ष शारदेय नवरात्र पर यहां 1401 मनोकामना कलश भक्तों ने स्थापित कराए हैं। बहरहाल, प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंचकर दर्शन और पूजन कर रहे हैं।
मन्नत पूरी होने पर चढ़ाते हैं गुड़ का प्रसाद

माता षष्ठी के सिद्धपीठ धाम में जब मां भक्तों की कामना पूरी होती है तो भक्त बच्चे या जिसके नाम पर मन्नत मांगी जाती है उनके वजन के बराबर या उससे अधिक गुड़ का प्रसाद चढ़ाते हैं। खास बात यह है कि इस प्रसाद को चढ़ाने वाले भक्त के घर परिवार के लोग नहीं खाते, इसे मंदिर में मौजूद भक्तों में बांटा जाता है।
मंगलवार और शनिवार को रहती है भीड़

मां षष्ठी के कपुर्दा स्थित धाम में दूर-दूर से भक्तगण दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां मंगलवार और शनिवार को भक्तो की भीड़ ज्यादा देखने को मिलती हैं। दोनों दिन यहां मेले जैसा माहौल रहता है। ऐसा माना जाता है कि मंगलवार और शनिवार को मां के दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है। यहां चैत्र और शारदेय नवरात्र पर्व के साथ-साथ पूरे वर्ष भर माता रानी के दरबार में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।

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