वार्षिक भाड़ा से तय होता है कर
नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डों को अलग-अलग पांच जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में बने हुए मकानों के वार्षिक भाड़ा के निर्धारण की दरें भी अलग-अलग हंै। खुली भूमि, आंशिक कच्चे भवन, लोहे की चादर, टाइल्स की छत, पक्का मकान, आरसीसी, बिना कॉलम वाले, आरबीसी या पत्थर की छत वाले पक्के भवन, कॉलम वाले आदि के आधार पर 65 रुपए प्रति वर्गमीटर से लेकर 195 वर्गमीटर की दर से वार्षिक भाड़ा का निर्धारण किया जाता है।ऐसे समझिए कर निर्धारण
मान लीजिए वार्ड क्रमांक में 2 में 100 वर्गमीटर का कोई आंशिक कच्चा भवन है तो उसका वार्षिक भाड़ा 120 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से 12000 रुपए होगा। वार्षिक भाड़ा 12000 रुपए का 6 प्रतिशत 720 रुपए सौ फीसद संपत्तिकर है। उसी चालू वित्तीय वर्ष में इसे चुकाने पर संपत्तिकर 360 रुपए ही चुकाना होगा। यदि 31 मार्च तक इस संपत्तिकर को नही चुकाया तो 1 अप्रेल से यही टैक्स 720 रुपए हो जाएगा, साथ में 2 फीसद अधिभार अलग से जुड़ जाएगा। ध्यान रहे कि स्थान के अनुसार वार्षिक भाड़ा की राशि बढऩे पर 6 से 8 और 10 प्रतिशत तक संपत्तिकर लागू हो जाता है।संपत्तिकर के साथ जुड़ते हैं कई अन्य कर
निगम को देय सभी प्रकार के संपत्तिकर में समेकित कर 180, यदि स्वयं का जल स्रोत है तो सामान्य जलकर 50 रुपए, आवासीय भवनों पर स्वच्छता उपकर 120 रुपए भी जुड़ता है। इसके साथ ही आवासीय प्रयोजन पर वार्षिक विकास का एक फीसद नगर विकास उपकर, वार्षिक भाड़ा का शिक्षा उपकर एक फीसद भुगतान भी निगम संपत्तिकर के साथ करना होगा। उल्लेखनीय है कि यहां सिर्फ आवासीय प्रयोजन के लिए मकानों की बात हो रही है। निगम राजस्व विभाग के राजकुमार पवार ने बताया कि शहर में 58000 संपत्तिकर दाताओं में करीब 35 हजार आवासीय संपत्तिकर दाता हैं, इनमें भी करीब 6 हजार से अधिक संपत्तिकर दाता अक्सर हर साल 50 फीसद छूट गंवा देते हैं। इनका कहना है
आवासीय प्रयोजन के लिए इस्तेमाल होने वाली भूमि, मकान पर लगने वाले संपत्तिकर में नियमानुसार 50 फीसद छूट दी जाती है। यदि चालू वित्तीय वर्ष का संपत्तिकर 31 मार्च तक चुकाया जाता है तो इसका लाभ मिलता है, अन्यथा एक अप्रेल से वह छूट समाप्त हो जाती है।
सीपी राय, आयुक्त नगर निगम
आवासीय प्रयोजन के लिए इस्तेमाल होने वाली भूमि, मकान पर लगने वाले संपत्तिकर में नियमानुसार 50 फीसद छूट दी जाती है। यदि चालू वित्तीय वर्ष का संपत्तिकर 31 मार्च तक चुकाया जाता है तो इसका लाभ मिलता है, अन्यथा एक अप्रेल से वह छूट समाप्त हो जाती है।
सीपी राय, आयुक्त नगर निगम