ठेके की राशि निकलवाने में ज्यादा रुचि
नगर निगम में देखा जाए तो महिला पार्षद और सभापतियों के पतियों का हर काम में हस्तक्षेप है। वे सफाई से लेकर राजस्व और लेखा विभाग में ठेके की राशि निकलवाने में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। इससे कई बार अधिकारी-कर्मचारी भी परेशान हो रहे हैं, लेकिन व्यवहारिक संबंधों को लेकर कुछ नहीं बोल पाते हैं। उन्हें उनकी डांट फटकार भी सहनी पड़ती है। शिकायत करो तो वे टेड़ी आंख से शिकायत करने का दम भरते हैं।
महापौर ने महिलाओं को सामने आने कहा
इस संबंध में महिला पार्षद और सभापतियों के निगम कामकाज में हस्तक्षेप पर महापौर विक्रम अहके ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि यदि हर महिला पार्षद और सभापति निगम के कामकाज में भागीदार बन जाए, तो उनके पतिदेवों को निगम आने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। इस बारे में हर महिला पार्षदों को चिंतन मनन करने की आवश्यकता है।