निगम कर्मचारियों की मानें तो इस समय निगम में अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या करीब 1700 के आसपास है। इनका प्रतिमाह वेतन 3.50 करोड़ रुपए प्रतिमाह है। पिछले दो माह से इस समय निगम की चुंगी क्षतिपूर्ति राशि की कटौती हो रही है। इससे निगम में तनख्वाह की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पिछले साल 2023 में भी इसी समय हालात बिगड़ गए थे, जब आयुक्त के पद पर राहुल सिंह आसीन थे। तब कांग्रेस की सत्ता थी। कर्मचारी मानते हैं कि कांग्रेस की सत्ता होने पर नगर निगम में ये हालात होना राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का कारण मान सकते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले महापौर और 13 कांग्रेस पार्षद भाजपा में प्रवेश कर चुके है, तब राज्य सरकार का नगर निगम के प्रति रवैया समझ से परे हैं। इस स्थिति में चुंगी क्षतिपूर्ति में कटौती हो रही है। निगम के पास स्वयं की इतनी आय नहीं है,जिससे सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकें। इस पर कुछ न कुछ पहल होना जरूरी है।
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कर्मचारी संघ ने की वेतन देने की मांग नगर निगम कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रशांत घोंगे एवं अन्य ने एक ज्ञापन निगम आयुक्त को सौंपा और वेतन देने की मांग की। उनके मुताबिक अक्टूबर में कुछ कर्मचारियों ने बिना वेतन दशहरा मना लिया। आगे करवा चौथ और दीपावली पर्व है। ऐसे में निकाय कर्मचारियों नियमित, विनियमित, दैनिक वेतनभोगी, अनुबंधित कर्मचारियों को माह सितम्बर और अक्टूबर का वेतन दिया जाए। अन्यथा उनके ये त्यौहार फीके रहेंगे।
….. अगस्त के वेतन में 12.50 लाख शेष, सितम्बर में राशि का इंतजार इस संबंध में निगम लेखाधिकारी प्रमोद जोशी का कहना है कि कर्मचारियों को अगस्त पेय सितंबर में केवल 12.50 लाख रुपए की तनख्वाह शेष रह गई है। शेष भुगतान कर दिया गया है। सितंबर पेय अक्टूबर का वेतन भुगतान चुंगी क्षतिपूर्ति राशि आने पर की जाएगी।
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