हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। वहां के अलावा माता सती का सिर राजस्थान में भी गिरा था। राजस्थान में विराजी माता हिंगलाज की मूर्ति को छिंदवाड़ा में लाया गया था। कहते हैं कि एक अंग्रेज ने यहां से मूर्ति हटाने के आदेश दिए तो हिंगलाज माता ने उसको सपने में चेतावनी दी
पर वह नहीं माना। बाद में उसका पूरा परिवार ही मिट गया।
इस प्रसिद्ध मंदिर में विराजी हिंगलाज देवी के कई चमत्कार कई—सुने जाते हैं। समय के साथ मंदिर और भव्य होते जा रहा है और यहां भक्तों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है।
राजस्थान के राजा काठियावाड़ क्षत्रिय कुल देवी के रूप में माता हिंगलाज की पूजा करते थे। उनके वंशज छिंदवाड़ा आए तो माता भी लाए। मान्यता है कि मूर्ति पाताललोक से स्वयं प्रकट हुई थी।
1907 में अंग्रेज कोयला खदानों के मालिक के रूप में यहां आए तो मूर्ति को हटाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। एक ठेकेदार को सपने में मां के दर्शन हुए तो उसने घने जंगलों के बीच इमली के पेड़ के नीचे छोटी सी मढ़िया बनवा दी थी। इधर अंग्रेज मालिक ने मूर्ति हटाने का आदेश दिया तो माता ने सपने में उसे चेताया पर वह नहीं माना। उसने दोबारा मूर्ति हटाने का आदेश दे दिया। कुछ दिनों बाद वह अपने परिवार को खदान घुमाने के लिए ले गया। जैसे ही वे लोग खदान के अंदर घुसा, तभी प्रवेश द्वार धंस गया। अंग्रेज परिवार समेत वहां जिंदा दफन हो गया।